Hindi Story, Essay on “Ekta me Bal Hai”, “एकता में बल है” Hindi Moral Story, Nibandh, Anuched for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

एकता में बल है

Ekta me Bal Hai

 

एक बार किसी शिकारी ने जंगल में दाने बिखेरे तथा उधर से जाल भी फैला दिया। कबूतरों का एक झुण्ड आकाश में उड़ रहा था। सभी कबूतरों ने सोचा कि हम नीचे उतर कर अन्न चुग लें और अपनी भूख मिटाएं। कबूतरों के सरदार ने उन्हें चेतावनी दी कि जरूर दाल में कुछ काला है। कबूतरों ने अपने सरदार की बात नहीं मानी और ज्यों ही वे धरती पर उतर कर दाना चुगने लगे वे जाल में फंस गए। कबूतरों के सरदार ने फिर कहा, घबराओ नहीं, एक साथ मिल कर उड़ चलो।

कबूतर जाल के साथ ही उड़ने लगे। यद्यपि शिकारी उनके पीछे-पीछे कुछ दूर तक भागा, पर बाद में कबूतर नजर नहीं आए। कबूतरों के राजा का एक मित्र चूहा था। राजा ने चूहे को पुकारा। उसने बाहर आकर जाल काट दिया तथा कबूतर मुक्त हो गए।

शिक्षा- विपति में बुद्धि बल ही काम आता है।

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