Hindi Story, Essay on “Dusht par Vishvas hani laye sath”, “दुष्ट पर विश्वास हानि लाए साथ” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

दुष्ट पर विश्वास हानि लाए साथ

Dusht par Vishvas hani laye sath

बहुत पुरानी बात है। जंगल के किनारे एक बहुत बड़ा चारागाह था। उस चारागाह में रोजाना एक गडरिया अपनी भेड़ों के साथ आता और भेड़ों को चरने के लिए छोड़ देता। एक भेड़िए की निगाह बहुत दिनों से भेड़ों के उस झुण्ड पर लगी हुई थी। मोटी-ताजी भेड़ों को देखकर उसके मुँह में पानी भर आता था। परन्तु गड़रिए के कारण वह उन भेड़ों तक नहीं पहुँच पा रहा था। धीरे-धीरे उसने गड़रिए से मित्रता बढ़ानी प्रारम्भ कर दी। गड़रिया भेड़िये का स्वभाव जानता था, परन्तु उसने सोचा कि यह भेडिया तो मेरा मित्र है। अत: यह भेड़ों को कोई हानि नही पहुँचाएगा। एक दिन गड़रिए को किसी काम के लिए समीपवर्ती शहर पड़ा। वह अपनी भेड़ों को भेड़िए की देख-रेख में चारागाह में छोड़कर चला गया। भेड़िया तो इसी मौके की तलाश में था, सो गड़रिए के जाते ही वह भेड़ों को मार-मार कर, खा गया। सायं काल जब गड़रिया लौटकर आया तो चारागाह का दृश्य देखकर उसे गहरा । सदमा पहुँचा। चारागाह में इधर-उधर मरी हुई भेड़ें पड़ी थी। अब उसे अपनी भूल का एहसास । होने लगा। वह भेड़िए पर विश्वास करने के लिए अपने को कोसने लगा। अत: सत्य ही कहा गया है कि दुष्ट पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि मौको मिलते ही वह अवश्य हानि पहुँचाता है।

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