दयालुता एक बहुत बड़ा गुण है
Dayaluta ek Bahut Bada Gun He
एक दिन, मार्था बगीचे में खेल रही थी। अचानक उसने एक नन्हे पक्षी को घास पर पड़ा देखा, वह दर्द से तिलमिला रहा था। मार्था भाग कर उस ओर गई और उस पक्षी को अपनी बांहों में उठा लिया। “ओह बेचारा पक्षी। तुम्हें कितना दर्द हो रहा है।
जरा ठहरो, मैं देखती हूं कि तुम्हें क्या हुआ, मार्था ने ध्यान से देखा तो उसे पता चला कि पक्षी का एक पंख बुरी तरह से घायल था और उसे तुरंत इलाज की आवश्यकता थी। उसने पक्षी को आराम से उठाया और अपनी मां के पास ले गई। “मां, ये पक्षी घायल है। हमें इसे अभी डॉक्टर के पास ले जाना होगा।”
मार्था की मां उसे पशु-पक्षियों के डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने झट से पक्षी का पंख सही जगह पर लगा दिया व कहा, “मार्था, आज तुमने बहुत नेक काम किया है। अगर और देर हो जाती तो हम शायद इस पंछी की मदद न कर पाते। इसे बचाना मुश्किल हो जाता।”
फिर डॉक्टर ने मार्था को बताया कि अभी उस पक्षी को ठीक होने में सात दिन और लग सकते थे। पक्षी को वहीं अस्पताल में रखना जरूरी था। मार्था जब भी स्कूल से घर लौटती तो वह कुछ समय उस पक्षी के सा अवश्य बिताती।
अंत में, सातवें दिन मार्था ने हिम्मत कर अपनी मां से पूछा, “मम्म क्या हम इस नन्हे पक्षी को रख सकते हैं? मुझे पिछले कुछ दिनों से, इस बहुत लगाव हो गया है। मैं चाहती हूं कि ये अब मेरे साथ ही रहे।” मार्था का उस पक्षी के लिए लगाव देख कर, उसकी मम्मा झट से म गईं और मार्था पक्षी को अपने साथ घर ले आई।
नैतिक शिक्षाः दयालुता एक बहुत बड़ा गुण है।