Hindi Story, Essay on “Bure ka Phal Bura Hota Hai”, “बुरे का फल बुरा होता है” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

बुरे का फल बुरा होता है

Bure ka Phal Bura Hota Hai

एक गड़रिये के पास बहुत सी भेड़ बकरियाँ थीं। उनकी देखभाल के लिए उसने दो कुत्ते पाल रखे थे। दोनों कुत्त भेड़ बकरियों की देखभाल बहुत वफादारी से करते थे। एक रात एक भेड़िया एक भेड़ को पकड़ने के लिए बाड़े के नजदीक आया। परन्तु कुत्तों के भौंकने के कारण उसे वापस जाना पड़ा। अब वह कुत्तों को बाड़े से दूर करने का उपाय सोचने लगा।। अगले सुबह वह भेड़िया कुत्तों के पास पहुँचा और उनसे मित्रता बढ़ाने की कोशिश करने लगा। उसने दया दिखाते हुए कुत्तों से कहा, “भाइयों, मैं तुम्हारी इतनी दयनीय अवस्था देखकर बहुत दु:खी हूँ। तुम्हें दिन-रात हर समय काम करते देखता हूँ तो दु:ख होता है। मुझे देखो मैं तो दिनभर जंगल में आजाद होकर घूमता हूँ।” दोनों बेवकूफ कुत्ते भेड़िए की बातों में आ गए और रखवाली करने का काम छोड़कर वे भेड़िये के साथ जंगल में चले गए। भेड़िया यही तो चाहता था। वह दोनों कुत्तों को अपनी माँद में ले गया तथा वहाँ अन्य भेड़ियों के साथ मिलकर उसने उन्हें मार डाला। फिर भेड़िया वापस भेड़ों के बाड़े में आया और सारी भेड़ों को मारकर खा गया।इस प्रकार कुत्तों की गैर जिम्मेदारी ने न केवल उनके मालिक का ही नुकसान करवाया अपितु उन्हें स्वयं भी जान से हाथ धोना पड़ा। दुष्ट कहीं न कहीं अपनी चालाकी अवश्य दिखाता है।

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