अपना अपना महत्व
Apna Apna Mahatva
राजा सिंह को अपने मंत्रिमंडल का गठन करना था। जंगल के सभी छोटे बड़े जानवर उस सभा में उपस्थित | थे। राजा ने सभी को कुछ न कुछ पद प्रदान किए। चीते को उसकी फुर्ती तथा तेजी के कारण सेनापति बनाया गया था, तो हाथी को महामंत्री। इस प्रकार सभी जानवरों को कुछ न कुछ पद दिए गए। जब गधे, कछुए तथा खरगोश की बारी आई तो सभी जानवर उन्हें देखकर हँसने लगे। जेबरा बोला, “गधा तो मूर्ख होता है, खरगोश डरपोक होता है और कछुआ तो इतना धीरे चलता है कि कहीं पहुँचने में ही महीनों लगा दे। यह सब जानवर राजदरबार की नौकरी के लिए बिल्कुल अयोग्य हैं।” परन्तु सिंह ने तुरन्त गरजकर जवाब दिया, “नहीं, नहीं, ऐसा नहीं है। प्रत्येक वस्तु का अपना एक विशेष महत्व होता है। अत: हर व्यक्ति में कोई न कोई गुण अवश्य होता है।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंह बोला, “खरगोश बहुत तेज दौड़ता है। अत: मैं इसे संदेशवाहक तथा कछुए को । सीमा के पास गुप्त रूप से चौकसी रखने के लिए गुप्तचर बनाता हूँ। गधे की आवाज बहुत ही रौबदार है। अत: इसे बिगुल बजाने की नौकरी । पर रखा जाता है।” इस प्रकार राजा सिंह ने सभी जानवरों को उनकी योग्यतानुसार पद प्रदान किए। अत: कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।