आलस सब से खतरनाक बीमारी है
Aalas sab se Khatarnak Bimar hai
मोनू खरगोश बहुत आलसी था। उस की इस आदत से उसके माता-पिता बहुत परेशान रहते थे। वे सदैव उसको समझाते रहते थे, “मोनू इतना आलस मत किया करो वरना एक दिन तुम्हें अपने आलस के कारण पछताना पड़ सकता है।” परन्तु माता-पिता की इन बातों से उसके कानों पर जूं भी नहीं रेंगती थी।
एक दिन मोनू एक पेड़ के नीचे लेटकर धूप सेंक रहा था जबकि उसके अन्य मित्र मैदान में खेल रहे थे। तभी उन्होंने एक भेड़िए को आते देखा। मोनू के मित्रों ने मोनू को भेड़िए के प्रति चिल्ला-चिल्लाकर सचेत किया और तुरंत वहाँ से भाग गए। आलसी मोनू सोचने लगा, “ भेड़िया तो अभी बहुत दूर है, हो सकता है शायद वह मुझे देख ही न पाए। क्यों व्यर्थ यहाँ से भागूं, जब भेड़िया पास आयेगा तो देखा जाएगा।”
भेड़िये ने मोनू को देख लिया था। वह दबे पैर उसकी ओर बढ़ता गया-बढ़ता गया और अचानक उसके सामने जाकर खड़ा हो गया। भेड़िए को अपने इतना पास देखकर मोनू के होश उड़ गए। परन्तु अब वह इस स्थिति में भी नहीं था कि वहाँ से भाग सके। भेड़िये ने उस पर झपट्टा मारा और मोनू के आलस के कारण भेड़िया उसे मारकर खा गया। इसलिए ही तो कहा गया है आलसी का कभी हित नहीं हो सकता।