Hindi Patra Lekhan “Sampadak ko Vriksho ki upekha ke bare me shikayat karte hua Patra” Class 10 and 12.

नगरों में वृक्षों की उपेक्षा के बारे में शिकायत करते हुए दैनिक समाचारपत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।

सम्पादक,

‘हिन्दुस्तान’, नई दिल्ली।

महोदय,

आपके सम्मानित समाचारपत्र के माध्यम से मैं अपने नगरों में वृक्षों की पूर्ण उपेक्षा की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।

पारितंत्र के लिए वृक्षों के महत्त्व की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। देश में तीव्र विनाशीकरण और हमारे पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण जब सरकार ने वन महोत्सव शुरू किया था तो काफी धूमधाम एवं दिखावे के साथ नए पौधे लगाए गए थे। किंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुष्ठान पूरे होने और अतिविशिष्ट व्यक्तियों की वृक्षारोपण करती हुई तस्वीरें समाचारपत्रों में छपने के बाद ही पूरे कार्यक्रम को भुला दिया गया। मुश्किल से 10 प्रतिशत पौधे ही बढ़कर वृक्ष बने। अधिकांश मामलों में बाड़े हटा या चुरा लिए गए। पार्क और सड़कों के किनारे के पुराने वृक्षों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप मौसम की खराबी के कारण कई पौधे सूख गए। व्यावहारिक रूप से इनके स्थान पर दूसरे वृक्ष नहीं लगाए गए। वृक्षों की उपेक्षा का प्रतिकूल प्रभाव देश की जलवायु में असामान्य परिवर्तनों के रूप में पहले से ही दृष्टिगोचर होता है। भारी वर्षा वाले क्षेत्र सामान्यतः सूखे रहने लगे हैं। सूखाड़ वाले क्षेत्र प्रायः बाढ़ से घिरे रहने लगे हैं। मौसम के देवता हमारे जलवायु चक्र का विध्वंस कर रहे हैं।

मैं इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने और आने वाले पर्यावरण संबंधी संकट के समाधान के लिए समय पर कार्यवाही करने के लिए अधिकारियों से आग्रह करता हूँ।

सधन्यवाद,

भवदीय, (क)

5 जुलाई,

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