किसी समाचारपत्र के सम्पादक को अपने राज्य की बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के बारे में उल्लेख करते हुए लगभग 250 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
सम्पादक,
‘द नेशनल हेराल्ड’,
लखनऊ।
महोदय,
आपके प्रतिष्ठित समाचारपत्र के माध्यम से मुझे उत्तर प्रदेश राज्य की तेजी से बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था के बारे में सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का अवसर मिला है।
अधिकांश स्थितियों में यह पहले की तरह पुरानी कहानी है। आदमी निर्दोष लोगों से बदला लेने के लिए या तुच्छ लाभ के लिए निर्लज्जतापूर्ण ढंग से धर्म के नाम पर हत्याएं कर रहे हैं और इस प्रकार अपने समाज, अपने राज्य और अपने देश का नाम बदनाम कर रहे हैं। मुरादाबाद, अलीगढ़, मेरठ, सम्भल और इलाहाबाद में संघर्ष होने के कारण पिछले कई अन्य दंगों के समान था। कभी-कभी यह भक्त मंडली में सूअर के प्रवेश करने पर होता है तो किसी अन्य अवसर पर यह मस्जिद के सामने संगीत बजाए जाने के कारण होता है।
सामान्य समय में प्रतिदिन बिना किसी झंझट की ऐसी कई घटनाएं घटती हैं किंतु जब स्थिति काफी बिगड़ जाती है तो असामाजिक तत्त्व इसे साम्प्रदायिक मामला बना देते हैं और संघर्ष शुरू कर देते हैं। कुछ अन्य स्थानों पर एक ही समुदाय के विभिन्न वर्गों के बीच दल प्रतिद्वंद्व या जाति-युद्ध होता है। इस दूषित वातावरण में छोटे अपराधियों को भी मौका मिल जाता है। लूट, डकैती, अपहरण और क्या-क्या नहीं होते हैं। असहाय राहगीर की पीठ में छूरा घोंप दिया जाता है, पेट्रोल बम खुशहाल घरों को कसाईखाने में बदल देता है और पुलिस की गोलियाँ भी कई लोगों की जान ले लेती हैं।
भारत के सभी राज्यों की स्थिति के बारे में कौन सोचेगा, भगवान राम और कृष्ण की भूमि तथा महान भारतीय सभ्यता की जन्मभूमि, उत्तरप्रदेश, अपने ही राज्य में ऐसी नाजुक कानून एवं व्यवस्था का साक्षी है, जहाँ जीवन देने वाले भगवान राम के नाम पर जानें ली जाती हैं और जहाँ कानून के प्रति निष्ठा रखने वाले लोग हत्या, आक्रमण, चोरी या डकैती के निरंतर भय में जीते हैं। कितनी लज्जा की बात है कि मेरठ, सम्भल, इलाहाबाद और अलीगढ़ के नाम पूरे विश्व में कुख्यात हो गए हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राज्य में कानून एवं व्यवस्था को लागू करने के लिए कदम उठा रहे हैं। किंतु यह कहा जाता है। कि यदि ये काफी सावधान रहें तो ये स्थिति को ऐसी खतरनाक स्थिति में पहुँचने से पहले रोक सकते हैं। उन बदमाशों को गिरफ्तार करने में क्या जाता है यदि ये कानून एवं व्यवस्था तोड़कर अपराध करते हैं ?
उत्तर प्रदेश राज्य में अराजकता की जड़ें गहराई तक पहुँच चुकी हैं। लोगों के दिमाग से इस विषाणु को निकालने की आवश्यकता है। सरकार को बिना विलंब किए कानून एवं व्यवस्था ठीक कर अपना कर्त्तव्य पालन करने और लोगों में विश्वास को पुनः बहाल करने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
5 फरवरी,……
भवदीय,
(क)