अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए जिसमें पर्यटन पर अपने सहपाठी के साथ जाने के लिए उनकी अनुमति के लिए आग्रह हो। प्रस्तावित पर्यटन, इसके उद्देश्य और इस पर आने वाले खर्च के बारे में स्पष्ट विवरण दीजिए।
परीक्षा भवन,
5 अप्रैल,
आदरणीय पिताजी,
हमारा महाविद्यालय अगले महीने की 15 तारीख को गर्मी की छुट्टियों के लिए बंद हो रहा है। हमारे महाविद्यालय के इतिहास विभाग ने दिल्ली, आगरा और राजस्थान के प्रमुख शहरों के शैक्षिणक पर्यटन का कार्यक्रम बनाया है। इस दल में चालीस विद्यार्थी, हमारे उप-प्रधानाचार्य और इतिहास के प्राध्यापक होंगे। हम लोग 10 मई को पर्यटन पर जाएंगे और 25 मई को लौट आएंगे।
हम लोग सबसे पहले दिल्ली जाएंगे और वहाँ के ऐतिहासिक स्मारक देखने में कुछ दिन बिताएंगे। हम लोग लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूँ का मकबरा, खूबसूरत संसद भवन और दिल्ली के अन्य दर्शनीय स्थल देखेंगे। दिल्ली से हम लोग आगरा जाएंगे और विश्व का सुंदरतम मकबरा, ताजमहल देखेंगे। इसके बाद हम लोग राजपूत वीरों एवं वीरांगनाओं की जन्मभूमि राजस्थान जाएंगे। वहाँ हम लोग हल्दी घाटी का प्रसिद्ध रणक्षेत्र, चित्तौड़ का किला और जयपुर, जोधपुर तथा उदयपुर के महत्त्वपूर्ण शहर देखने जाएंगे।
प्रस्तावित पर्यटन हमारे लिए लाभदायक होगा और यह हमारे दृष्टिकोण को विस्तृत कर हमारा ज्ञान बढ़ाएगा। इस प्रकार, यह काफी शैक्षिक महत्त्व का होगा।
हमारा महाविद्यालय इस प्रस्तावित पर्यटन पर कुल खर्च के आधे भाग का भुगतान करेगा। प्रत्येक विद्यार्थी को केवल एक हजार रुपए का योगदान करना होगा। मैं आशा करता हूँ कि आप मुझे इस पर्यटन में शामिल होने की अनुमति दे देंगे और एक सप्ताह के अंदर मनीऑर्डर द्वारा एक हजार रुपए भेज देंगे।
आपको एवं माँ को प्रणाम तथा प्रीति को प्यार।
आपका प्यारा पुत्र,
(क)