उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए अपने मित्र के पास पत्र लिखिए जिसमें उसे अपने क्षेत्र में सम्पन्न पंचायत चुनाव के बारे में बताइए और उसे यह भी बताइए कि नई प्रणाली के तहत पंचायती राज संस्थाएं कैसे काम कर रही हैं।
परीक्षा भवन,
15 अक्टूबर, …………..
प्रिय रावलरॉन,
गत मास की 5 तारीख के आपके स्नेहमयपत्र के लिए बहुत धन्यवाद। मुझे दुःख है कि मैं अपने राज्य में पंचायती चुनावों में व्यस्त रहने के कारण समय पर पत्र नहीं लिख सका। इन चुनावों में मुझे जिला चुनाव अधिकारी के रूप में कार्य करना था।
जैसा कि आप जानते हैं कि अपनी ग्राम सभा, न्याय पंचायत वाली पंचायत या छोटे गाँव का गणतंत्र भारतीय राजनीति का महत्त्वपूर्ण भाग है और यह शताब्दियों के औपनिवेशिक शासन और गत शताब्दियों में कई आक्रमणों के बावजूद अस्तित्व में है। वर्तमान में पंचायती राज को 73वें संविधान संशोधन के तहत् प्रारंभ किया गया है और इसे लोकतंत्र की शक्ति कहा जाता है।
हाल के पंचायती चुनावों से भारतीय राजनीति और लोगों की मनोवृत्ति में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया है। ये लोग अब प्रशासन से संबंध स्थापित करने लगे हैं। पहले, यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब में राज्य सरकार ऊपर से लादी गई है जिससे 10% से कम लोगों ने ही विधान सभा चुनावों में भाग लिया था। पंचायती राज चुनावों, जिसमें कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जीत मिली है, से राज्य में कांग्रेस सरकार की वैधता सिद्ध हुई है। दूसरी बात यह है कि महिलाओं के लिए 33% स्थान आरक्षित किया गया है और अब पंचायत की बैठकों में युवतियों एवं वृद्ध महिलाओं की आवाज को आदरपूर्वक सुना जा रहा है, तीसरी बात यह है कि तथाकथित निम्न जाति के लोगों और पिछड़ी जाति के सदस्यों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है और पंचायत हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की मूल संस्था बन गई है।
इसके बाद, 9 और 10 अक्टूबर, 1995 को नई दिल्ली में सम्पन्न पंचायतों के पहले सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से 6777 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो वास्तव में दूसरे स्वराज के आगमन की घोषणा थी। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने 50 लाख पंचायत अधिकारियों और सदस्यों का ध्यान नए उत्तरदायित्व की ओर दिलाया।
दिल्ली सम्मेलन में 19 सूत्री अनुमोदन घोषणा पत्र को स्वीकार किया गया था। अनुमोदनों की मुख्य विशेषता यह है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली केवल विशुद्ध विमर्शी संस्था नहीं होगी। बदले में, प्रत्येक स्तर को प्रभावपूर्ण ढंग से काम करने के लिए वित्तीय और प्रशासकीय अधिकार दिया जाना चाहिए। पंचायतों के लिए केवल अधिक अधिकार ही नहीं बल्कि राज्य द्वारा कोष का भी प्रावधान करना होगा। यह घोषणा पत्र यह भी सिफारिश करता है कि उन्हें अपने संसाधन जुटाने के लिए अधिकार दिए जाने चाहिए।
पंचायती राज हमें निचले स्तर के भविष्य की योजना बनाने का अवसर प्रदान करता है जिसमें वैसे लोग शामिल होते हैं जिनका नियमित समर्थन हमारी राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। इसका लाभ सभी व्यक्तियों को मिलना चाहिए और इसकी जड़ें समाज के निम्नतम तबके के लोगों तक सुदृढ़ता से पहुँचनी चाहिए।
मैं आशा करता हूँ कि पंचायती राज के मेरे पूर्व अनुभव का वर्णन तुमको बिल्कुल रुचिकर लगेगा। तुमने सिंगापुर की अपनी प्रस्तावित यात्रा के बारे में लिखा है। कृपया तुम अपनी- यात्रा करो तो दो दिन के लिए यहाँ जरूर रुकना ।
सादर
तुम्हारा सच्चा मित्र,
(क)