Hindi Patra Lekhan “Apne Videshi mitra ko ek patra likhiye jisne aapse bhartiya samaj me mahilao ki sthiti ke bare me pucha hai” Class 10 and 12.

अपने उस विदेशी मित्र को एक पत्र लिखिए जिसने आपसे भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति के बारे में पूछा है।

परीक्षा भवन,

10 जुलाई,

प्रिय जोसेफ,

मैं 1 जुलाई का तुम्हारा हार्दिक पत्र प्राप्त कर रोमांचित हो उठा। मैं भारतीय सामाजिक स्थिति में तुम्हारी दिलचस्पी देखकर सचमुच काफी खुश हूँ। भारत में महिलाओं की स्थिति में, विशेषकर, समाचारपत्रों में प्रकाशित शाहबानो मुकदमे को देखते हुए, तुम्हारी दिलचस्पी स्वाभाविक है।

भारत में महिलाएं हमेशा से पुरुषों की तरह मर्यादा एवं अवसर की समानता का उपभोग करती रही हैं। तुमने जरूर पढ़ा होगा कि प्राचीन काल में महिलाएं स्वयंवर के अधिकार का उपयोग करती थीं, अर्थात्, वे अपना जीवन-साथी चुनने के लिए स्वतंत्र थी। रजिया सुल्तान, चांद बीबी, रानी दुर्गावती, नूरजहाँ, अहिल्याबाई और भारत की अन्य प्रख्यात पुत्रियों को महान् व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है।

पश्चिमी प्रभाव और आधुनिक शिक्षा के आगमन से महिलाओं की स्थिति में और भी सुधार हुआ है। आज, सामान्य नियम के अनुसार, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के प्रायः प्रत्येक क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं की संख्या लगभग 10 प्रतिशत है। इन्होंने जीवन के प्रायः प्रत्येक क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त की हैं। यहाँ महिलाएं राजनीतिज्ञ, मंत्री, प्रशासक, लेखक, उद्यमी, उद्योगपति, चिकित्सक, शिक्षक, राजदूत और क्या-क्या नहीं हैं।

विजयालक्ष्मी पंडित भारतीय महिला ही थीं जो संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्षा बनीं। उनकी भतीजी इंदिरा गाँधी लगभग दो दशकों तक भारतीय राजनीतिक परिदृश्य पर छाई रहीं। सरोजिनी नायडू और सुचेता कृपलानी स्वतंत्रता के पहले और बाद में भी राजनीति में रहीं। उस समय यहाँ कई महिला मंत्री, राज्यपाल और प्रशासक, न्यायाधीश, डॉक्टर, इंजीनियर और वास्तुविद् थे।

चाहे प्रशासनिक सेवा हो या भारतीय पुलिस सेवा या भारतीय वन सेवा, महिलाओं ने कई संवर्गों को सुशोभित किया है और इन्होंने अपने प्रदर्शन में कोई कमी नहीं की है। एक महिला पुलिस आयुक्त ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राजधानी में अमिट छाप छोड़ी है।

पी.टी. ऊषा और ज्योतिर्मयी सिकदर ने खेल-कूद के क्षेत्र में अभूतपूर्व ख्याति प्राप्त की है और बछेन्द्री पाल पहले से ही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला बनी हुई हैं। संतोष यादव ने माउंट एवरेस्ट पर दूसरी बार चढ़ने का गौरव प्राप्त किया है। कई महिलाएं लेखक और पत्रकार हैं। विश्व प्रसिद्ध चित्रकार अमृता शेरगिल की याद अभी भी लोगों के दिमाग में ताजी है। महादेवी वर्मा और अमृता प्रीतम ने पहले ही प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार जीत लिया है। हाल में अरुंधती राय को प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार मिला है।

महिला डॉक्टर, शिक्षिका और नर्स के रूप में मानवता के लिए काफी मूल्यवान सेवा प्रदान कर रही हैं। संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर एक किंवदंती बन गई हैं और आज भी सर्वश्रेष्ठ हैं। फिल्म उद्योग में भी भूमिका निभाने वाली महिलाओं की संख्या काफी है और अधिक से अधिक सशक्त भूमिका स्वीकार करने और निभाने में यूरोपीय और अमेरिकी महिलाओं से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

भारत की महिलाएं समान अधिकार का उपयोग और सभी गतिविधियों में पुरुषों के समान उत्तरदायित्व का निर्वाह कर रही हैं।

तुम्हारा सच्चा मित्र,

(क)

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