किसी प्रसिद्ध दैनिक समाचारपत्र के सम्पादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें उच्च अधिकारियों का ध्यान अपने पड़ोसी गाँव द्वारा खुले छोड़े गए पशुओं की समस्या पर दिलाएं।
सम्पादक,
‘दि इंडियन एक्सप्रेस’,
नई दिल्ली।
महोदय,
आपके दैनिक समाचारपत्र के माध्यम से मैं उच्च अधिकारियों का ध्यान खुले छोड़े गए पशुओं की समस्या की ओर दिलाना चाहता हूँ। जो हमारी इस नई विकसित कालोनी में जनता के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। इस कालोनी का निर्माण केवल तीन वर्ष पहले ही हुआ था यहाँ प्रशासन द्वारा छोटे-छोटे बगीचे, खेलने के मैदान आदि नियोजित ढंग से तैयार करवाए गए थे जिनका यहाँ के निवासियों द्वारा विशेष ध्यान रखा गया था लेकिन अब धीरे-धीरे ये अपना आकर्षण खोते जा रहे हैं। बगीचे में सुबह-शाम कॉलनी के निवासी टहलते हैं, एवं बच्चे खेलते हैं। दोपहर के समय भी बुजुर्ग लोग एकत्र होकर आपसी वार्तालाप कर अपना समय व्यतीत करते हैं। बगीचे में कई छोटे-छोटे फलदार वृक्ष भी लगे हैं। बगीचे के बीच में एक योगासन केन्द्र भी है। दुर्भाग्यवश मोंडावली गांव के ग्वालों जिनका गाँव रेलवे लाईन के पार स्थित है, के पशु इन छोटे उपवनों, मैदानों में स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं। ये ग्रामीण अपने पशुओं को इन सुन्दर मैदानों, उपवनों में खुला छोड़ देते हैं जहाँ, वे रात-दिन चरते रहते हैं। ये समस्त हरियाली को तहस-नहस करते हैं और बच्चों के लिए परेशानी पैदा करते हैं क्योंकि उनकी उपस्थिति में बच्चे वहाँ खेल नहीं सकते हैं। इसके अतिरिक्त इन पशुओं के कारण उत्पन्न गन्दगी, धूल-मिट्टी सभी को चुभती है। एक बार तो एक हिंसक पशु ने कुछ बच्चों एवं बुजुर्गों को घायल भी कर दिया था। इसकी वजह से लोग अब बगीचे में जाने से डरने लगे हैं। यहाँ के निवासी एवं वेलफेयर सोसायटी ने दिल्ली विकास प्रधिकरण एवं स्थानीय पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज भी करवा रखी है। किन्तु अभी तक इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
हम दिल्ली विकास प्राधिकरण एवं स्थानीय पुलिस स्टेशन से इस समस्या की जाँच के लिए प्रार्थना करते हैं ताकि वे इस कालोनी की परेशानी दूर करने के लिए प्रभावपूर्ण कदम उठा सकें।
आपका विश्वासी,
(क)
6 अप्रैल,