अपने मित्र को पत्र लिखो, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का प्रमाण-पत्र मिलने पर आपको जिस प्रसन्नता का अनुभव हुआ है।
परीक्षा-भवन,
प्रिय विनोद ।
सप्रेम नमस्ते ।
“यहाँ कुशल हर भाँति सुहाई।
वहाँ कुशल राखे रघुराई।।’
मुझे कल तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। मुझे यह जानकर अति-प्रसन्नता हुई कि तुम इस वर्ष अपने विद्यालय की फुटबाल टीम के कप्तान चुन लिए गए हो। मैं भी तुम्हें गत सप्ताह होने वाले खेल-कूद के सम्बन्ध में बताना चाहता हूँ। पिछले सप्ताह हमारे विद्यालय में खेल-कूद प्रतियोगिता आयोजित की गई। उसमें मैंने 100, 200, 400 मीटर की दौड़ व कबड़ी में भाग लिया। मुझे दौड़ में प्रथम स्थान मिला तथा कबड्डी में भी हमारी टीम जीत गई। भाला फेंकने में भी प्रथम स्थान आया है। कुल मिलाकर मुझे पाँच पदक प्राप्त हुए। पुरस्कार वितरण समारोह में मुझे सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। प्रधानाचार्य महोदय ने मुझे सुन्दर शील्ड प्रदान की व उनके साथ मेरा फोटो भी खींचा गया। सभी अध्यापकगण व विद्यार्थियों ने तालियाँ बजाकर मेरा उत्साह बढ़ाया। उस दिन मैं बेहद खुश हुआ।
माता-पिताजी को प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
संजय गुप्त
दिनांक : 2 फरवरी, 1999