समाज में नशीले पदार्थ के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रसिद्ध समाचार-पत्र के बनाई संपादक को पत्र लिखिए।
संतोष कुमार उपाध्याय,
अध्यक्ष, नशा मुक्ति अभियान,
दरियागंज, नई दिल्ली
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
नई दिल्ली।
विषय : समाज में नशीले पदार्थों की बढ़ती प्रवृत्ति के संबंध में।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से उपर्युक्त विषय के संबंध में मैं अपने विचार आम जनता तथा सरकारी अधिकारियों तक पहुँचाना चाहता हूँ। कृपया मेरे पत्र को ‘जनवार्ता’ शीर्षक कॉलम में प्रकाशित करने का कष्ट करें। आज हमारे देश में नशीले पदार्थों के सेवन की प्रवृत्ति जिस प्रकार बढ़ती जा रही है, वह अत्यंत चिंता का विषय है। मद्यपान, स्मैक, हैरोइन, कोकीन, तंबाकू, चरस, अफ़ीम जैसे नशीले पदार्थों के सेवन से शरीर धीरे-धीरे छलनी हो जाता है तथा अनेक घातक रोग जैसे कैंसर आदि हो जाते हैं। यदयपि नशीले पदार्थों की हानियों से सभी परिचित हैं तथापि इनका प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इनमें शराब का प्रयोग तो व्यक्ति के मान-सम्मान की पहचान बन चुका है। फ़िल्मों ने भी इस लत को बढ़ावा दिया है। सबसे बड़ी चिंता का विषय तो यह है कि आज का युवा वर्ग भी मद्यपान का आदी है। इन नशीले पदार्थों के सेवन से शारीरिक, मानसिक तथा चारित्रिक हास होता है। अनेक अपराध नशीले पदार्थों के सेवन के कारण ही होते हैं। इनके सेवन से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति कुंठित हो जाती है, उसे अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता तथा वह अनेक प्रकार के अनैतिक कार्य कर बैठता है। कई बार तो गरीब लोग विषैली शराब पीकर असमय ही काल-कवलित हो जाते हैं। शराब के अलावा अन्य प्रकार के नशीले पदार्थों का खरीदना-बेचना कानूनन जुर्म है, फिर भी पुलिस तथा प्रशासन की मिलीभगत से ये सभी नशीले पदार्थ धड़ल्ले से खरीदे और बेचे जाते हैं।
आम जनता से मेरा अनुरोध है कि इन पदार्थों का सेवन भूलकर भी न करें। यदि किसी को इसकी लत पड़ चुकी है, तो उसे नशा मुक्ति केंद्र अवश्य लेकर जाएँ। साथ ही पुलिस विभाग तथा अधिकारियों से नम्र निवेदन है कि इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए गैरकानूनी तौर पर बिकने वाली नशीली चीजों की सख्ती से धरपकड़ करें तथा इन्हें बेचने वालों पर कठोर कार्यवाही करें।
धन्यवाद।
भवदीय,
संतोष कुमार उपाध्याय
दिनांक : 03.05.20……