Hindi Letter on “Electricity Department dwara upeksha kiye jane par Sampadak ko Patra’, “विद्युत विभाग द्वारा अपने क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने पर संपादक को पत्र”.

विद्युत विभाग द्वारा अपने क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने पर किसी दैनिक पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए।

 

बाबूलाल पराशर,

336-C, राजेंद्र पार्क,

नांगलोई,

संपादक महोदय,

राष्ट्रीय सहारा,

दिल्ली।

विषय : विद्युत विभाग द्वारा राजेंद्र पार्क (नांगलोई ) क्षेत्र की उपेक्षा के संबंध में।

महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं विद्युत विभाग के अधिकारियों तथा दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारियों का ध्यान अपने क्षेत्र में बिजली की सप्लाई के संबंध में की जाने वाली उपेक्षा की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। कृपया मेरे पत्र को ‘पाठकों की समस्याएँ’ शीर्षक कॉलम में प्रकाशित करने का कष्ट करें।

बाहरी दिल्ली के अंतर्गत पड़ने वाला नांगलोई का राजेंद्र पार्क इलाका आजकल दिल्ली विदयत बोर्ड की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यहाँ बिजली की आपूर्ति अत्यंत अनियमित तथा कम है। चौबीस घंटों में केवल तीन-चार घंटों के लिए ही पर्याप्त बिजली आती है। शेष समय में इसकी आपूर्ति इतनी कम होती है कि उसमें न तो ट्यूब जलती है और न कूलर आदि चलते हैं। हमारे आस-पास के अन्य क्षेत्रों में भी बिजली की कटौती की जाती है, मगर वह इतनी नहीं है। हमारे क्षेत्र में बिजली कब चली जाए कुछ पता नहीं और वह दुबारा कब आएगी, इसका भी कुछ अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

बिजली की इस आँख-मिचौनी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई में बहत बाधा उत्पन्न हो रही है। इस क्षेत्र में अधिकांश लोग निम्न-मध्यम वर्ग के या निर्धन लोग रहते हैं। उनमें से अधिकांश के यहाँ इनवर्टर या जेनरेटर आदि भी नहीं हैं।

दिल्ली सरकार के उच्चाधिकारियों तथा दिल्ली विदयत बोर्ड पराजिरिमों मेरा आग्रह है कि वे इस उपेक्षित क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति सामान्य करने के लिए तत्काल कार्यवाही करें।

धन्यवाद।

भवदीय,

बाबूलाल पराशर

प्रधान, राजेंद्र पार्क सुधार समिति

दिनांक : 27.03.20.

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