आप दहेज़ विरोधी अभियान की सचिव सविता मुंजाल हैं। दहेज प्रथा की बुराई पर नवभारत टाइम्स के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए।
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
बहादुरशाह ज़फर मार्ग,
नई दिल्ली -110002
विषय : दहेज प्रथा के संबंध में।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से दहेज प्रथा जैसी भीषण एवं अमानवीय प्रथा के संबंध में मैं अपने विचार समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना चाहती हूँ। आपसे आग्रह है कि मेरे पत्र को अपने समाचार-पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
भारत की अनेक समस्याओं में दहेज़ प्रथा भी एक अत्यंत भीषण समस्या है, जिसने अनेक परिवारों को तहस-नहस कर दिया है तथा भारतीय समाज की जड़ों को खोखला कर दिया है। दहेज़ के कारण अनेक युवतियों और नववधुओं को जीवन भर नारकीय जीवन की वैतरणी में बिलबिलाना पड़ता है। कम दहेज लाने पर वधुओं को प्रताड़ित किया जाता है और दहेज़ न उपलब्ध होने के कारण इनमें से अनेक तो अविवाहित ही रह जाती हैं या आत्महत्या तक करने को विवश हो जाती हैं।
मेरा युवा वर्ग से विशेष रूप से आग्रह है कि वे इस दिशा में आगे आएँ और दहेजमुक्त विवाह करने की प्रतिज्ञा लें। मेरी युवक-युवतियों के अभिभावकों से भी अपील है कि वे इस प्रथा के विरोध में उठ खडे हों तथा दहेज न लेने और न देने की शुरुआत करके समाज को नई दिशा प्रदान करें।
प्रशासन तथा सरकारी अधिकारियों से मेरा आग्रह है कि दहेज लेने या देने वालों के विरुदध इतनी सख्त कार्रवाई करें कि उसे सुनकर दूसरे लोग दहेज़ माँगने या देने का साहस न कर सकें।
सधन्यवाद।
भवदीया,
सविता मुंजाल
सचिव,
दहेज़ विरोधी अभियान,
दिल्ली शाखा।
दिनांक : 19.02.20……