Hindi Letter on “Bazar me Pathya Pustako uplabdh nahi hone ki samasya ko uthate hue Sampadak ko patra”, “बाजार में पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता पर संपादक को पत्र”.

पढ़ाई का सत्र प्रारंभ हो चुका है, किंतु बाज़ार में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। इस समस्या को उठाते हुए किसी दैनिक पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।

 

संपादक महोदय,

नवभारत टाइम्स,

नई दिल्ली।

विषय : बाजार में पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता।

मान्यवर,

इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान बाज़ार में पाठ्यपुस्तकों की अनुपलव्यता की ओर दिलाना चाहता हूँ तथा अपनी बात संबद्ध अधिकारियों तक पहुँचाना चाहता हूँ। मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूँ तथा हमारे विद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) की पुस्तकें लगी हुई हैं। पढ़ाई का सत्र आरंभ हो चुका है, परंतु बाजार में किताबें उपलब्ध नहीं हैं। यदि पुस्तकें जल्दी न मिली, तो हमें अधूरी तैयारी से ही परीक्षा देनी होगी।

हमारा भविष्य परीक्षा में प्राप्त किए गए ग्रेड पर बहत निर्भर करता है. परंतु पढ़ाई के लिए किताबें चाहिए और वे  हैं नहीं।

दसवीं ही नहीं, अन्य कक्षाओं की पुस्तकें भी बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। सी०बी०एस०ई० के पाठ्यक्रम पर आधारित जिन स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगी हैं, वे शायद हम लोगों से आगे निकल जाए।

आपसे निवेदन है कि मेरे पत्र को अवश्य प्रकाशित करें ताकि इस समस्या का कोई हल निकल सके। आशा है, आप हमसे सहानुभूति रखकर हमारी बात को जनता व अधिकारियों तक पहुँचाएंगे।

धन्यवाद।

भवदीय,

क०ख०ग०

दिनांक : 17.06.20……

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