विद्यालय के सम्बन्ध में पिता को पत्र ।
21, विवेक नगर,
देवास,मध्य प्रदेश ।
दिनांक 6.4.2000
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम !
अत्र कुशल तत्रास्तु ।
आप को यह जान कर अत्यन्त प्रसन्नता होगी कि मुझे केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश मिल गया है। मुझे इस विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा लगा है। यह यहाँ का आदर्श विद्यालय है। यहाँ एक से एक योग्य अध्यापक हैं। सभी अपने-अपने विषय को इस ढंग से पढ़ाते हैं कि हर एक छात्र की समझ में आसानी से आ जाता है। हमारे प्रधानाचार्य अनुशासनप्रिय हैं। वे हमें पुत्रवत् समझते हैं। स्वास्थ्य शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि विद्यालय के आदर्शों के साँचे में स्वयं को शीघ्र ही ढाल लँगा तथा उसकी गरिमा के अनुरूप अपने को बनाऊँगा।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
शेखर