आपका नाम धमेन्द्र है। आप 220 रामनगर, मलेरकोटला में रहते हैं। अपने पिता जी को पत्र लिख कर स्कूल में हए वार्षिक पारितोषिक विवरण उत्सव का उल्लेख करें।
मकान नं० 220
रामनगर, मालेरकोटला,
12 दिसम्बर, 2011
आदरणीय पिता जी,
चरण वन्दना।
पिछले सप्ताह मुझे तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। पत्र का उत्तर देने में मुझे इस कारण देर हो गई क्योंकि दिसम्बर के पहले सप्ताह को हमारे स्कूल का पारितोषिक वितरण उत्सव था। इसके लिए कई दिन पूर्व ही तैयारियां आरम्भ गई थीं।
राज्य के शिक्षा मन्त्री इस उत्सव पर मुख्य अतिथि थे। उनके आगमन के कारण हमारे स्कूल में बहुत उत्साह था। स्कूल को नव वधू की भान्ति सजाया गया। मुख्य द्वार को फूलों से सजाया गया था। स्कूल के एन० सी० सी० और स्काऊट के विद्यार्थी मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए खड़े थे। ज्योंहि उनकी कार मुख्य द्वार पर रुकी, मुख्याध्यापक ने उनका फूल-माला द्वारा स्वागत किया। बैंड् की ध्वनि गूंज उठी। मुख्य द्वार पर खड़ी छात्राओं ने पुष्प-वर्षा से उनका अभिवादन किया।
मुख्य अतिथि को वैंड की ध्वनि के साथ-साथ पंडाल में लाया गया। पंडाल में बैठे सभी लोगों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। फिर सरस्वती गायन के बाद गीत, नाटक और अन्य मनोरंजक कार्यक्रम पेश किए गए। मुख्याध्यापक ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। स्कूल की उन्नति की सभी ने सराहना की। शिक्षा मन्त्री ने विद्यार्थियों को पुरस्कार बांटे। मुख्य मेहमान ने स्कूल की बड़ी प्रशंसा की। मुझे भी अपनी श्रेणी में प्रथम आने के कारण पुरस्कार मिला।
माता जी को प्रणाम/मोनिका को प्यार।
आपका बेटा,
धमेन्द्र।