अनुतीर्ण हुए मित्र को सान्त्वना पत्र लिखें।
परीक्षा भवन,
………….शहर,
20 मई, 2011
प्रिय मनु,
नमस्ते।
आज ही आपकी माता जी का पत्र आया जिसमें मालूम हुआ कि आप दसवीं की परीक्षा में इस बार अनुतीर्ण हुए हो। इस कारण आप उदास रहते हैं। ऐसा समाचार सुनकर दु:ख तो मुझे भी हुआ, लेकिन अब उदास रहने से क्या हो सकता है। जरा सोचो परीक्षा से पूर्व आप अस्वस्थ भी रहे हैं। आप अपनी पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं कर पाए। स्वस्थ्य जरूरी है। अगर स्वस्थ रहोगे तो परिश्रम कर पाओगे। हिम्मत हारने की कोई आवश्यकता नहीं। मेहनत करने से क्या नहीं हो सकता है।
मेरी राय है कि नये सिरे से पस्तकें उठाओ और अगली परीक्षा में कुछ कर दिखाने की भावना से पढ़ाई में डट जाओ। मुझे पूर्ण विश्वास है कि मेरा पत्र पाते ही आप पढ़ाई में जुट जाओगे। भगवान अवश्य आपका भविष्य उज्ज्वल करेगा।
माता-पिता को चरण-वन्दना। सभी भाई बहनों को नमस्ते।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
राजेश