Hindi Letter for “Mitra ko Patra likho lisme Dharmik Sthan ka varnan ho”, “मित्र को पत्र लिखो, जिसमें किसी धार्मिक स्थान का वर्णन हो” Hindi letter for Class 9, 10, Class 12 and B.A Others.

अपने मित्र को एक पत्र लिखो, जिसमें किसी धार्मिक स्थान का वर्णन हो।

परीक्षा-भवन,

 

प्रिय मित्र प्रवीण,

नमस्ते ।

आज ही तुम्हारा प्रिय पत्र प्राप्त हुआ। तुमने पत्र न लिखने का कारण पूछा है। उसका कारण यह है कि हम वृन्दावन व मथुरा चले गए थे। हमारी माताजी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं। वस द्वारा सीधे वृन्दावन गए। वहाँ काफी चहल-पहल थी। लोग न जाने कहाँ-कहाँ से आए हुए थे। सावन के महीने में तो वहाँ मेला लगता है। यमुना पर स्नान का बड़ा ही आनन्द आता है। वहाँ हम ‘‘राधिका निकेतन ट्रस्ट” नामक धर्मशाला में रुके। सेवा। केंज का मन्दिर बाँके बिहारीजी का मन्दिर व यमुना जी बिल्कुल पास-पास हैं। हम तीनों जगह पैदल ही पहुँच जाते थे। खा-पीकर हम मन्दिरों के दर्शन को निकल पड़े। हमने ताँगा कर लिया। उसने हमें कई मन्दिर दिखाए, जैसे- गोदा विहार, निधिवन, फोगला आश्रम, राधा-कृष्ण का मन्दिर, पागल बाबा का मन्दिर, रंगजी का मन्दिर, गोविन्द जी का मन्दिर, राधावल्लभ तथा अन्य छोटे-बड़े मन्दिर दिखाए। 3 दिन वहाँ का आनन्द लिया। फिर मथुरा की ओर चल दिए। मथुरा व वृन्दावन के बीच विड़ला मन्दिर, लाल पत्थर द्वारा बना हुआ है। हम वहाँ गये। कुछ समय रुककर मथुरा पहुँच गए। सबसे पहले हम कृष्ण-जन्म भूमि गए। उसकी छवि देखते ही बनती है। वहाँ हमने कंस का कारागार भी देखा। दीवारों व छतों की चित्रकारी तो देखते ही बनती है। उसके बाद खा-पीकर द्वारिका धाम व अन्य छोटे-बड़े मन्दिरों में दर्शन किए। हमें बड़ा ही आनन्द आया। अब तो हर साल आया करेंगे। अगली बार तुम्हें भी साथ ले चलेंगे। तुम्हारे लिए मथुरा के पेड़े लाया हूँ। शीर्घ आ जाना।

शेष फिर,

तुम्हारा अभिन्न मित्र

क. ख. ग.

दिनांक : 7 जुलाई, 1999

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