दहेज प्रथा की बुराइयों के बारे में अपने मित्र को पत्र लिखें।
Dahej Pratha ki Buraiyo ke bare me apne mitra ko Patra likho
25, किताबां बाजार,
लुधियाना।
12 मई, …..
प्रिय मित्र कमलजीत,
सप्रेम नमस्ते।
आज ही आपका पत्र मिला। आपने दहेज के बारे में पूछा है सो मैं आपको इस पत्र द्वारा दहेज की बुराइयों से अवगत कराना चाहता हूँ।
भारत में अनेक कुप्राथाएं प्रचलित हैं। दहेज प्रथा भी एक ऐसी ही कुप्रथा है। इस प्रथा के कारण अनेक कन्याएं वैवाहिक जीवनका आनन्द लेने से वंचित रह जाती हैं। कन्या के माता-पिता दहेज के बोझ से दबे जा रहे हैं। कन्या के सुशिक्षित और सुन्दर होने का इतना मूल्य नहीं, जितना दहेज से प्राप्त होने वाली धन राशि का है। दहेज न लाने पर कन्या के ससुराल वाले ताने मारते हैं। समाचार पत्र प्रतिदिन ऐसे समाचारों से भरे होते हैं कि दहेज लोभियों ने बहू का जला दिया। इस कुप्रथा रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाए हैं परन्तु कानून के साथ-साथ जनता के सहयोग की भी आवश्यकता है। देश के नवयुवकों को यह शपथ लेनी चाहिए कि शादी होगी तो बिना दहेज के होगी। दहेज लोभियों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। तभी यह कुप्रथा को दूर किया जा सकता है। शेष सब ठीक है। आपकी पढ़ाई कैसे चल रही है ? लिखना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
रमेश सिंह
110 न्यू ग्रेन मार्कीट
राजपुरा।