Hindi Letter for “Chote Bhai ko Kusangati aur Padhai ki taraf dhyan dene ke liye patra”, “छोटे भाई को कुसंगति छोड़ने व पढ़ाई की ओर ध्यान देने के लिए पत्र ” Hindi letter for Class 9, 10, Class 12 and B.A Others.

अपने छोटे भाई को पत्र लिखो, जिसमें उसे कुसंगति छोड़ने व पढ़ाई की ओर ध्यान देने के विषय में वर्णन हो।

 

7, पंजाबी बाग,

दिल्ली।

 

प्रिय कोणार्क,

स्नेह आशीर्वाद।

कल ही तुम्हारे प्रधानाचार्य महोदय का पत्र प्राप्त हुआ। कई दिनों तक तुम्हारा पत्र न आने के कारण मैंने सोचा तुम परीक्षा की तैयारी कर रहे हो। परन्तु जब तुम्हारे प्रधानाचार्य जी का पत्र पढ़ा, तो मैं सन्नाटे में रह गया। उन्होंने लिखा है कि तुम छात्रावास के नियमों की अवहेलना कर रहे हो तथा गलत संगत में पड़ गए हो। सिगरेट पीना, चलचित्र देखना, शिक्षकों का अपमान करना, झगड़ा करके दादागिरी दिखाना व आवारागर्दी में पड़े रहना आदि तुम्हारी बुरी आदतें पड़ गई है। इससे स्पष्ट होता है कि तुम कुसंगति में पड़कर अपना जीवन बरबाद कर रहे हो। मैं पढ़कर हैरान रह गया कि मेरा इतना समझदार भाई ऐसा कर सकता है।

कुसंगति का प्रभाव बड़ी शीघ्रता से पड़ता है तथा इसका परिणाम भयंकर होता है। तम्हें अच्छे विद्यार्थियों की संगत करनी चाहिए, जो अध्ययनशील, अनुशासनप्रिय व अच्छे खिलाड़ी हों। यदि अच्छे विद्यार्थी की संगत करोगे, तो तुम निश्चय ही परिवार, समाज व देश का हित करोगे।

हमारी सबकी आशा तुम्हीं पर बंधी है। आशा है, तुम मेरी बातों पर अवश्य ध्यान दोगे व पठाई-लिखाई में अपना समय बिताकर अपने प्रधानाचार्य जी को चकित कर दोगे। मेहनत से सब कुछ संभव है। मेरे इस संक्षिप्त कथन को अधिक समझना।

माताजी-पिताजी की तरफ से आशीर्वाद ।

तुम्हारा भाई,

क. ख. ग.

दिनांक : 27 मई, 1999

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