चाचा जी को जन्मदिवस पर उपहार का धन्यवाद पत्र
Chacha ji ko Janamdin par Uphar ka Dhanyawad Patra
परीक्षा भवन,
शहर।
18 मार्च 2011
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।
आपका प्रेम से भरपूर उपहार, जो आपने मेरे जन्मदिवस पर भेजा था मिल गया है। सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करता हूँ और फिर गुस्सा प्रकट करता हूँ। इस बार मुझे पूर्ण आशा थी कि आप मेरे जन्म दिवस पर अवश्य आएंगे। हम सब आपका इन्तजार करते रहे। अन्ततः पार्टी शुरू करनी पड़ी। पार्टी चल ही रही थी कि डाकिए ने आवाज दी। मैं भागा-भागा गया तो उसने मेरे हाथ में पार्सल थमा दिया। उसको खोलकर मेरी बाछे खिल गई। आपने मेरी मन की बात बूझ ली। मुझे घडी की बहुत आवश्यकता थी। इसका अभाव मुझे खटक रहा था। अब यह घड़ी मेरी पढ़ाई को नियमित करने में सहायक सिद्ध होगी।
चाचा जी कई बार विद्यालय जाने में भी विलम्ब हो जाता था। निःसन्देह अब मैं अपने आपको नियमित बना लूँगा। इसको जिसने भी देखा, उसी ने इसकी प्रशंसा की। आपका यह उपहार आपका मेरे प्रति अगाध स्नेह प्रकट करता है। अन्त में एक बार फिर सच्चे दिल से आपका धन्यवाद करता हूँ। चाची जी को चरण वन्दना, बावे को प्यार।
आपका प्रिय भतीजा
रमणीक।