छोटे भाई को समय के सदुपयोग का महत्व बताते हुए पत्र।
5/11, पश्चिमी पटेल नगर,
नई दिल्ली।
10 मई, 200…
प्रिय अनुज,
सकुशल रहो!
आज ही तुम्हारे अध्यापक श्री शर्मा का पत्र मिला। यह जानकर अति खेद हुआ कि तुम अपना समय पढ़ाई में न लगाकर गँवा रहे हो।
प्रिय भाई, समय बीत जाने पर वापस नहीं आता। समय अमूल्य धन है। जो मनुष्य समय के महत्त्व को नहीं जानता, उसे पछताना पड़ता है। इतिहास साक्षी है, जिसने भी समय के मूल्य को नहीं पहचाना,.. उसे जीवन में असफलताएँ ही मिलीं। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। समय की गति बहुत तेज है, अतः उसका सही उपयोग करने वाला ही महान बन पाता है।
इतना सब मैंने केवल तुम्हें यह बताने के लिये लिखा है कि तुम अभी नादान हो। विद्या से मुँह मोड़ कर समय को नष्ट कर रहे हो। अतः समय को कीमती जानकर सारे काम नियमित ढंग से करो और मन लगाकर पढ़ो।
हम सबने तुमसे कितनी उम्मीदें लगा रखी हैं, हमारी आशाओं पर पानी मत फेरो। मैं आशा करता हूँ कि तुम मेरी इन सारी बातों पर ध्यान दोगे और समय का ठीक उपयोग कर, पढ़ाई में मन लगा कर अपना भविष्य उज्ज्वल बनाओगे।
तुम्हारा अग्रज
प्रवीण