Hindi Letter “विद्यालय के पारितोषिक वितरण उत्सव का वर्णन करते हुए अपने पिता जी को पत्र।” for Class 7, 8, 9, 10, 11 and 12 Students.

विद्यालय के पारितोषिक वितरण उत्सव का वर्णन करते हुए अपने पिता जी को पत्र।

 

रामजस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,

कालकाजी, दिल्ली,

16, मार्च, 200…

परम पूजनीय पिताजी,

चरण वंदना,

आपका पत्र मिला। कुशल जानकर अति प्रसन्नता हुई।

आपने शिकायत की है कि मैं बहुत दिनों से पत्र नहीं भेज रहा। इसका कारण था-विद्यालय में व्यस्तता। हर वर्ष की भाँति बैशाखी के पावन पर्व पर हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव अर्थात् वार्षिक पारितोषिक वितरण उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। सभी विद्यार्थी इस उत्सव की तैयारी में पिछले 10 दिनों तक काफी व्यस्त रहे। उत्सव का वर्णन इस प्रकार है।

दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय इस उत्सव के मुख्य अतिथि थे। सायं 3 बजे मुख्य अतिथि विद्यालय में पहुँच गए थे। बालचरों ने सलामी दी तथा स्वागत किया। सर्वप्रथम छात्रों ने सामूहिक शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन किया। विभिन्न छात्रों ने अपने-अपने करतब दिखाए। मैंने भी योगासन की अनेक क्रियाएँ करके दिखाईं। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ हुआ। गीत, नृत्य, नाटक तथा एकांकी एक-एक करके प्रस्तुत किए गए। दर्शक मूक भाव से इनका आनंद ले रहे थे।

अन्त में पारितोषिक वितरण-उत्सव हुआ। प्रतिभाशाली बच्चों को पुरस्कार दिए गए। मेरा नाम भी उनमें था। खेल-कूद, भाषण व गीत में मुझे प्रथम पुरस्कार दिए गए। जैसे ही मेरा नाम बोला जाता, करतल ध्वनि से लोग मेरा स्वागत करते। पारितोषिक वितरण समारोह के बाद मुख्य अतिथि ने विद्यालय की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने विद्यालय के परीक्षा-फल और अनुशासन को प्रशंसनीय बताया। अंत में सभी छात्रों को मिठाई बाँटी गई और अगले दिन का अवकाश घोषित किया गया। कितना ही अच्छा होता, यदि आप भी वहाँ होते।

घर में सभी को यथायोग्य प्रणाम।

आपका आज्ञाकारी पुत्र

रमेश

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