Hindi Essay, Story on “Unth ke Gale me Billi”, “ऊँट के गले में बिल्ली” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

ऊँट के गले में बिल्ली

Unth ke Gale me Billi

 

किसी गांव में एक आदमी का ऊँट खो गया। खोजते-खोजते बहुत हैरान हो जाने पर उसने कसम खाई कि ऊँट मिला तो अब उसे मैं हर्गिज न रखूँगा। दो टके में बेच डालूंगा। यह कसम उसने बहत आदमियों के बीच में खाई थी। संयोग से एक-दो दिन बाद उसका ऊँट मिल गया। अब कसम को वह कैसे निबाहे? बड़े ‘पसोपेश’ में पड़ा। एक मित्र ने उसे तरकीब सुझाई कि ऊँट के गले में एक बिल्ली बांधो और डुग्गी पिटवा दो कि दो टके को ऊँट बेचता हं और दो सौ रुपए को बिल्ली। पर अलग-अलग नहीं, दोनों का सौदा साथ होगा। यों “सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे” वाली कहावत सिद्ध होगी। तुम्हारी कसम पूरी हो जायगी और तुम्हें टोटा भी न होगा।

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