पांचों सवारों में नाम लिखाना
Pancho Savaro ke Naam Likhna
शहर दिल्ली के सदर दरवाजे पर कहीं बाहर से आये हुए चार सवार के थे। उन्हीं के पीछे एक कम्हार गधे पर चला आ रहा था। किसी ने पूछा, “सवारो, आप लोगों ने रास्ते में कोई ऊँट चरते तो नहीं देखा?”
सवार जब तक बोलें, उसके पहले ही कुम्हार बोल उठा, “हम पांचों सवारों ने कोई ऊँट-बूट नहीं देखा।”