मियांजी की दाढ़ी वाह-वाह में गई
Miyaji Ki Dadhi Vaha-Vaha Me Gai
एक मियांजी की दाढ़ी बहुत घनी थी और लम्बी भी। उनके शागिर्दो में-से किसी ने एक दिन उनकी दाढी पर हाथ फेरा और उसमें से एक बाल नोंच लिया। बाल हाथ में लेकर वह तारीफ करने लगा, “वाह, क्या अच्छी दाढ़ी है, हमारे मियांजी की।” दूसरे लड़के ने भी यही किया, और तीसरे ने भी।
और आखीर में नौबत यहां तक पहंची कि उस रास्ते से गुजरनेवाले हरएक ने मियांजी की दाढी से एक-एक बाल नोंचना शुरू किया। नतीजा यह हुआ कि मियांजी की समूची दाढ़ी इसी वाहवाह में चली गई।