Hindi Essay, Story on “Maya Tere Teen Naam Parsa Parsu Parsram”, “माया तेरे तीन नाम, परसा, परसू, परसराम” Hindi Kahavat

माया तेरे तीन नाम, परसा, परसू, परसराम

Maya Tere Teen Naam Parsa Parsu Parsram

एक बनिये का लड़का जब कुछ सयाना हो गया तो बाप ने उसे आठ आने पैसे देकर कहा, “जा कुछ कमा।”

लड़के ने आठ आने के चने लिये और घूम-घूमकर बेचने लगा। लोग बुलाते, “अरे परसा, अधेले के चने दे जाना।”

कुछ दिन बीते उसके पास दस-पांच रुपए जड़ गये। बाप ने खोंचा लगाने की सलाह दी। वह खोंचा लगाने लगा। लोग बलाते, “ओ परस. दो पैसे की पकौड़ी दे जाना।” कुछ साल जाते-जाते परस के पास हजार दो हजार की पूँजी इकट्ठी हो गई। तब उसने अपनी दुकान खोल ली। अब जो खरीददार आता, उसे लाला परसराम कहकर बोलता।

लाला परसराम जब-तब लोगों को आपबीती सुनाते तो यह जुमला जरूर कहते, “माया तेरे तीन नाम, परसा, परसू, परसराम।”

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