किस्मत हर जगह साथ जाती है
Kismat Har Jahag Saath Jati Hai
किसी गांव में एक आदमी रहता था। उसे दुर्भाग्य सदा घर रहता था। उसने सोचा कि मैं दूसरे गांव में जा बसूं तो मेरी किस्मत फिर जायगी। जूता, लाठी और सिर पर गठरी लेकर वह दूसरे गांव जाने को निकला। बाहर आकर देखा तो सामने एक स्त्री खड़ी उसकी बाट देख रही है। उसने स्त्री से पूछा, “क्या चाहती हो?”
वह बोली, “तुम्हारा साथ।”
“मेरा साथ? कौन हो तुम?”
“तुम्हारी किस्मत।”
वह बोला, “जब तुम साथ ही जाती हो तो मुझे दूसरे गांव जाकर क्या करना है?”