गाछी कटहर, ओंठे तेल
Gachi Kathar, Onthe Tel
दो आदमियों ने मिलकर कटहल का एक फला हुआ पेड़ साझे में लिया। उनमें से एक, कटहल तोड़ने को पेड़ पर चढ़ा। दूसरा, नीचे हाथ से कटहल पकड़ने को खड़ा रहा। अभी कटहल पेड़ से टूटा भी न था-नीचे आने की बात कौन कहे-कि नीचेवाला कटहल खाने के लिए ओठों में तेल मलने लगा। किसी दर्शक ने कहा, “अरे, गाछी कटहर, ओंठे तेल।” अभी पेड़ से टूटा भी नहीं
और तुम ओठ में तेल लगाकर तैयार हो गये। इसका मतलब वक्त से पहले काम का फल पाने को तैयार हो जाना।