बड़ी बहू बड़ा भाग, छोटो बनड़ो घणों सुहाग
Badi Bahu Bada Bhag
किसी सेठ की बहू लड़के से बड़ी आ गई। एक दिन वह अपने पडोसी से बोला, “भाई, मेरे लड़के की शादी में बड़ा धोखा हुआ।”
पड़ोसी ने पूछा, “कैसा धोखा हो गया?”
सेठ ने कहा, “बहू लड़के से बड़ी है।”
पड़ोसी बहुत मजाक-पसंद था। बोला, “अजी, इसमें बुरा क्या है, सास को शीघ्र छुट्टी देगी-घर का काम-काज जल्दी संभाल लेगी। ‘बड़ी बहू बड़ा भाग’ मानिए।”
इन्हीं को इनके दूसरे दोस्त ने एक दिन अपनी विपत्ति सुनाई, “भाई, मेरी लड़की की शादी में लड़का देखने में बड़ी चूक हो गई।”
“क्या हुआ?”
“वर लड़की से छोटा है।”
पड़ोसी ने कहा, “कैसे बुद्धू हो तुम, सुनी नहीं मारवाड़ी कहावत,-“छोटो बनड़ो घणों सुहाग'”-लड़का कम उम्र का है तो ज्यादा दिन जीयेगा, लड़की अधिक दिन सुहाग भोगेगी।”