अपने किये का क्या इलाज
Apne Kiye ka Kya Ilaj
किसी किसान को पास के जंगल में रहने वाली एक लोमड़ी पर बड़ा गस्सा था। वह लोमड़ी जब-तब-रात-बिरात उसके बत्तख और पुर्गियों को खा जाती थी। कई दिन घात में लगे रहने के बाद उसने एक दिन लोमड़ी को फंसाया। खूब सख्त सजा देने के खयाल से किसान ने उसकी पूंछ में बहुत-सा चिथड़ा लपेटा और तेल से तर करके आग लगाकर उसे छोड़ दिया। लोमड़ी बड़े जोर से भागी। किसान के खेत में गेहूं पके खड़े थे-बस कटने की देर थी। लोमड़ी की पंछ से आग लगकर उसका सारा खेत खाक हो गया। किसान ने सिर पीटा, पर दोष किसे दे? “अपने किये का क्या इलाज?”