अंगूर खट्टे हैं
Angur Khatte Hai
यह मशहूर कहावत है। इसका एक दूसरा रूप है, “खट्टे अंगूर कौन खाय”
भूख से व्याकुल एक लोमड़ी अंगूर के बाग में पहुंची। अंगूर गुच्छों में लटक रहे थे; पर थे ऊंचे। लोमड़ी बहुत उचक, उछलकर भी गुच्छों तक न पहुंच पाई। कोई सियार यह देख रहा था। पूछा, “बूआ, क्या है?”
बोली, “अंगूर खट्टे हैं।” संस्कृत में कहा है: “अशक्तस्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दा प्रकुर्वते” -कोई पद पाने में असमर्थ होने पर उसकी बुराई करते हैं।