Hindi Essay, Story on “Aam Khane se Kaam ya Ped Ginane Se”, “आम खाने से काम या पेड़ गिनने से” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

आम खाने से काम या पेड़ गिनने से

Aam Khane se Kaam ya Ped Ginane Se

 

दो मित्र एक शाम को किसी आम के बगीचे में पहुंचे। एक ने जाते ही रखवाले से पूछना शुरू किया, “यह बाग किसका है, कबका लगा है, इसमें किसकिस जाति के आम हैं ? इसमें कुल कितने पेड़ हैं?” दूसरे ने पहुंचते ही रखवाल से आमों का भाव पटाया, पैसे दिए और लेकर आम खाने शुरू कर दिए। पहला पेड़ों की गिनती और किस्म जानने में ही लगा रहा। दूसरे ने आमों से अपना पेट भर लिया। अन्त में जब पेड़ों की गिनती पूछनेवाले ने रखवाले से अपने लिए कुछ आम चाहे तो उसने कहा, “आज तो अब मुझे आम तोडने की फरसत नहीं रह गई है, अभी एक जरूरी काम से जाना है, आपको अब आम कल मिल सकते हैं।”

यह भाई बिना आम खाये अपना-सा मुंह लेकर लौट आए। इसी पर कहावत बन गई, “आम खाने से काम या पेड़ गिनने से?” अर्थात् मतलब से मतलब रखना चाहिए, व्यर्थ के झगड़े में पड़ने से फायदा न होकर हानि ही होती है।

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