दिल्ली की सैर
(Visit to Delhi)
“दिल्ली है दिल हिंदुस्तान का
ये तो तीरथ है सारे जहान का।”
भूमिका-दिल्ली, भारत की राजधानी दिल्ली, जिसके वक्ष-स्थल पर गगनचुंबी अट्टालिकाएँ उसकी शोभा में चार चाँद लगाए हुए हैं। दिल्ली, जहाँ कितने शासक आए और अपनी छाप छोड़ गए। आज प्रत्येक जाति, धर्म का संबंध है, दिल्ली से। देश के सभी भागों के लोग यहाँ बसते हैं। भारतीय हों या विदेशी, सभी यहाँ आनंदपूर्वक रहते हैं। उदार दिल है-दिल्ली का।
दिल्ली नाम से अभिप्राय-दिल्ली नाम ‘देहरी’ का परिवर्तित रूप है। देहरी से अभिप्राय देहलीज है-अर्थात घर में प्रवेश करने की दहलीज (चौखट)। पांडवों ने इसका नामकरण किया था-इंद्रप्रस्थ। ऐसा लगता है उस समय भी यहाँ आज की भाँति ही ऐश्वर्य और शोभा विद्यमान रही होगी। तभी ‘इंद्र का स्वर्ग’ नाम रखा गया।
दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल-दिल्ली में ऐतिहासिक स्थल इतने हैं कि उनका वर्णन नहीं किया सकता। पांडवों से भी पूर्व बसाई गई दिल्ली पर न जाने कितने शासक आए और चले गए। यहाँ के प्राचीन खंडहर इसके अतीत का स्मारक हैं।
कुतुबमीनार-दिल्ली की कुतुबमीनार, विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसके निकट स्थित “लोहस्त्म्भं” आज भी संसार के लिए आश्चर्य की वस्तु है। लोगों को मानना है कि कुतुबमीनार को कुतुब्दीन ऐबक ने बनवाया था। तो कुछ का खास विश्वास है कि इसे पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया का जिस पर मुसलमान शासकों ने कुरान की आयतें खुदवा दी थीं।
लालकिला-शाहजहाँ द्वारा निर्मित लाल पत्थरों से बना भव्य किला है। विश्व प्रसिद्ध कोहिनुर हीरा इस लालकिले की शोभा होता था। दीवाने आम, दीवाने खास आदि मुगलकालीन कला के अद्भुत नमूने हैं। जामा मस्जिद-मुसलमानों की प्रसिद्ध मस्जिद जिसे शाहजहाँ ने बनवाया था, देखने योग्य है।
राष्ट्रपति भवन-अब आ जाइए इंडियागेट, जहाँ-‘जय जवान, जय किसान’ की ज्योति सदा जलती रहती है। वहाँ से होते हुए विजय चौक से आप संसद भवन और राष्ट्रपति भवन देखिए। जहाँ देश की सरकार महत्त्वपूर्ण निर्णय लेती है।
उद्यान, पार्क तथा संग्रहालय-ज्ञान के साथ मनोरंजन का आनंद लीजिए। बुद्ध गार्डन, मुगल गार्डन, तालकटोरा गार्डन, यमुना तट, गुड़िया संग्रहालय, गांधी संग्रहालय, नेहरू संग्रहालय, इंद्रप्रस्थ स्टेडियम, रेल म्यूजियम, वायुसेना म्यूजियम, बाल भवन, मॉडर्न आर्ट गैलरी आदि स्थानों पर पिकनिक का आनंद लीजिए। गुड़िया संग्रहालय विश्व की सभ्यता-संस्कृति का जीवित नमूना लगता है।
मंदिर व गुरद्वारे-भाई मतिदास का शहीद स्थान फव्वारा है जिसके सामने शहीद गुरु तेगबहादुर का गुरुद्वारा शीशगंज है। बिड़ला मंदिर सनातन धर्मियों का विशाल मंदिर है। चाँदनी चौक, दीवानहाल आर्य समाज का मंदिर है। गुरुद्वारा बंगला साहिब, गौरीशंकर मंदिर तथा अन्य अनेक दर्शनीय मंदिर व गुरुद्वारे दिल्ली की शोभा हैं।
दिल्ली के बाजार-यहाँ के बाजार सारे भारत के व्यापार के केंद्र तथा विश्व की सबसे विशाल मंडी है। चाँदनी चौक, दरियागंज, करोल बाग, कनाट प्लेस, पालिका बाजार, दरीबा कलाँ, कश्मीरी गेट आदि ऐतिहासिक बाजार हैं। यहाँ के बाजारों की चहल-पहल सचमुच देखते ही बनती है।
शहीद स्मारक-दिल्ली, जहाँ स्वतंत्रता की अनेक लड़ाइयाँ लड़ी गईं उनकी याद में श्रद्धांजलि फूल भी क्यों न अर्पित करते जाओ। शांतिवन-नेहरू की समाधि, विजयघाट-लालबहादुर शास्त्री की की प्रेरणा देते हैं। समाधि, राजघाट, गांधी जी की समाधि तथा इंदिरा गांधी की समाधि हमेशा हमें देश को संयत रखने
दिल्ली की नई इमारतें-दिल्ली की बहुमंजिली इमारतें देखने लायक हैं। इनमें शास्त्री भवन, रेल भवन, आकाशवाणी भवन, विभिन्न दूतावासों की इमारतें, विकास मीनार, अशोक ओबेराय, ताज, मौर्य होटल, इंदिरा गांधी हवाई अड्डा तथा नई दिल्ली क्षेत्र में बनी इमारतें, जो दूर से ही दिखाई देती हैं, आदि मुख्य हैं।
दिल्ली में एशियाड-के समय बना खेल ग्राम तथा प्रगति मैदान की छटा भी देखते बनती है। कला तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भी अनेक केंद्र यहाँ हैं, जिनमें श्रीराम भारतीय कला केंद्र, कमानी हॉल, सप्रू हाउस, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, रवीन्द्रभवन, त्रिवेणी कला संगम, ललित कला अकादमी तथा रवींद्र रंगशाला प्रमुख हैं। आज बने फ्लाई ओवर तथा मैट्रो रेल दिल्ली की शान.
उपसंहार-जब दिल्ली देखने लगे हैं तो ज्ञानवृद्धि कीजिए। मनोरंजन कीजिए। चिड़ियाघर और संग्रहालय के साथ ही ऐतिहासिक स्थलों को भी देख ज्ञानवर्धन कीजिए और सैर का आनंद लीजिए।