Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Dr. Manmohan Singh”, “डॉ. मनमोहन सिंह”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

डॉ. मनमोहन सिंह

Dr. Manmohan Singh

 

शांत स्वभाव, गंभीर व्यक्तित्व, कर्मठ और प्रतिभावान

ये सब हैं प्रधानमंत्री मनमोहन जी की पहचान।”

 

सन् 2004 में लोक सभा के चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की हार हुई तथा कांग्रेस, वामपंथी दलों तथा कुछ क्षेत्रीय दलों की मिली जुली-सरकार का गठन हुआ जिसके नेतृत्व का भार सौंपा गया अखिल भारतीय कांग्रेस (आई) के वरिष्ठतुम एवं अनुभवी राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह को। यद्यपि इन चुनावों में जीत के बाद सभी को विश्वास था कि इस बार श्रीमती सोनिया गांधी ही देश की प्रधानमंत्री होंगी, पर घटनाचक्र ने अचानक न जाने क्या मोड़ लिया कि श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का पद अस्वीकार कर दिया और देश की बागडोर डॉ. मनमोहन सिंह को सौंप दी।

 डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब के गाह (जो अब पाकिस्तान में है) में 26 सितंबर 1932 को हुआ था। इनके पिता श्री गुरुमुख सिंह एक व्यापारी थे तथा इनकी माता श्रीमती अमृत कौर एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। 14 सितंबर, 1958 को डॉ. मनमोहन सिंह का विवाह गुलशन कौर से हुआ। इनकी तीन पुत्रियाँ हैं।

 डॉ. मनमोहन सिंह बचपन से ही अत्यंत मेधावी एवं कुशाग्र बुद्धि थे। इनके अध्यापक इनकी प्रतिभा पर चकित हो जाते थे। वे कहा करते थे कि यह बालक बड़ा होकर देश का बड़ा आदमी अवश्य बनेगा। उनकी भविष्यवाणी सच भी निकली।

 डॉ. सिंह ने 1952 में पंजाब विश्वविद्यालय से बी. ए. (आनर्स) अर्थशास्त्र की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। पंजाब विश्वविद्यालय से ही इन्होंने 1954 में अर्थशास्त्र में एम. ए. की परीक्षा बहुत अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की।

 डॉ. सिंह उच्च शिक्षा के लिए विदेश भी गए। विदेशों में इन्होंने अपनी प्रतिभा की धाक जमा दी। सेंट जॉन कॉलेज, कैंब्रिज में इन्होंने राइट्स पुरस्कार जीता। इन्होंने ऑक्सफॉर्ड में डी. फिल. की उपाधि प्राप्त की। बाद में इन्होंने डी. लिट. और पी.एच.डी. की उपाधियाँ भी ससम्मान प्राप्त की।

 डॉ. सिंह ने अपना कार्य-क्षेत्र अध्यापक के रूप में शुरू किया। आप पंजाब विश्वविद्यालय में प्रवक्ता, रीडर तथा बाद में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे। तत्पश्चात आप दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में अध्यापन के उच्च पदों पर कार्यरत रहे।

 डॉ. सिंह ने सरकारी सेवा में भी अत्यंत उच्च पदों को सुशोभित किया। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट बैंक ऑफ इंडिया, एशियन डेवलेपमेंट बैंक जैसी अनेक संस्थाओं में कार्यरत रहे। आपने भारत सरकार के योजना आयोग के मेंबर सेक्रेटरी तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के रूप में कार्यरत रहकर अपनी योग्यता एवं प्रतिभा की धाक जमा दी।

 आप प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन भी रहे। डॉ. सिंह ने अपनी प्रतिभा की सबसे बड़ी छाप भारत सरकार के वित्तमंत्री के रूप में कार्यरत रहकर छोड़ी। इस प्रकार डॉ. सिंह को व्यापक प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है। इनकी सेवाओं के कारण सन् 1987 में इन्हें पद्म विभूषण के अलंकरण से सम्मानित किया गया।

 आज डॉ. सिंह हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं। देश को इनसे बहुत आशाएँ हैं। आर्थिक क्षेत्र में आपके सुदीर्घ अनुभव एवं योग्यता के कारण देशवासियों को विश्वास है कि डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा तथा विश्व की महान शक्ति के रूप में उभरेगा।

 डॉ. सिंह अत्यंत सौम्य, संस्कारित एवं मृदुभाषी व्यक्ति हैं। अभिमान तो इन्हें छू तक नहीं गया है। वे अपनी सादगी एवं मधुर व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। उनके इन्हीं गुणों के कारण विरोधी भी उनका सम्मान करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उन्हें दीर्घायु करे जिससे कि उनके नेतृत्व में हमारा देश दिन-दूनी रात चौगुनी प्रगति कर सके।

 

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