हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव
(Annual Function of My School)
भूमिका-उत्सव मनुष्य के जीवन में आनंद तथा प्रेरणा के स्रोत होते हैं। विद्यार्थियों में नई चेतना भरने के लिए विद्यालय का वार्षिकोत्सव छात्र-समूह को प्रेरणा का अवसर प्रदान करता है। विद्यार्थियों की अपनी योग्यता के प्रदर्शन का यही एक अवसर होता है। वार्षिक प्रदर्शनी, खेल, शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस उत्सव की शोभा होते हैं।
उत्सव की पूर्व तैयारी-विद्यालय में उत्सव की तैयारी में अध्यापक व विद्यार्थी कई दिन पहले जुटे हुए थे, प्रतियोगिताओं के लिए अभ्यास हो रहा था। नगर के गणमान्य व्यक्ति इस उत्सव में भाग लेने के लिये आमंत्रित किए गए थे। छात्रों के अभिभावकों को भी उत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए बुलाया गया था।
उत्सव का समय और साज-सज्जा-वैशाखी के दिन 13 अप्रैल की सायं 4 बजे उत्सव का समय निश्चित किया गया। प्रातः से ही विद्यालय को दुल्हन की तरह सजाने की तैयारियाँ आरंभ हो गईं। विद्यालय के प्रांगण को रंग-बिरंगी झंडियों से सजाया जा रहा था। एक मंच बनाया गया। एक विशाल शामियाना लगाया गया था। प्रागंण में कुर्सियाँ तथा दरियाँ बिछाई गईं। आगे सोफे तथा पीछे कुर्सियां लगाई जा चुकी थीं। मार्ग में बदरपुर में रंग भरकर फूल बनाए गए थे। मानो किसी कलाकार की महान कृति हों।
मुख्य अतिथि का सत्कार-मंच के सामने एक ओर विद्यार्थी तथा दूसरी ओर अतिथि बैठे हुए थे। नियत समय पर मुख्य अतिथि पधारे। ‘स्काउट द्वार’ पर स्काउटों ने सैल्यूट किया तथा हर्षध्वनि से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। विद्यालय के अधिकारी गण तथा प्रधानाध्यापक महोदय मुख्य अतिथि को आदर सहित मंच की ओर ले गए। गणमान्य व्यक्तियों और मुख्य अतिथि को विद्यालयों के अधिकारियों ने पुष्प मालाएँ पहना कर उनका सम्मान किया।
उत्सव का शुभारंभ-स्वागत गीत से उत्सव का शुभारंभ हुआ। मंच सचिव ने सांस्कृतिक कार्यक्रम आंरभ किया। छात्रों ने सामूहिक गीत, एकांकी, लोकनृत्य, एकल नृत्य तथा कविता पाठ आदि आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
वार्षिक रिपोर्ट-प्रदर्शनी अवलोकन के पश्चात प्रधानाध्यापक महोदय ने गतवर्ष की रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में वर्ष के आर्थिक ब्यौरे के साथ-साथ स्कूल की चहुँमुखी सफलताओं का विवरण भी पढ़कर सुनाया गया।
पुरस्कार वितरण-अंत में मुख्य अतिथि ने खेल प्रतियोगिता, गीत वाद-विवाद, नृत्य आदि में प्रथम तथा द्वितीय आने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किए।
मुख्य अतिथि का भाषण-तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पुरस्कार वितरण समारोह समाप्त हुआ। उसके बाद मुख्य अतिथि ने अपना भाषण प्रस्तुत किया। विद्यालय की प्रगति की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने विद्यालय में एक हाल बनवाने की घोषणा की। इस पर अतिथिगण तथा विदयार्थियों ने हर्षोल्लास के साथ तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया।
उपसंहार-अंत में मुख्य अतिथि को धन्यवाद देने के लिए व्यवस्थापक महोदय उठे। उन्होंने सभी उपस्थित सज्जनों को धन्यवाद दिया। तत्पश्चात मुख्याध्यापक महोदय ने अगले दिन का अवकाश घोषित कर सभा विसर्जित कर दी।