वो सड़क हादसा
Vo Sadak Hadsa
उस सड़क हादसे को मैं कभी नहीं भुला सकता। एक दिन जब मैं सड़क पर पैदल चल रहा था तो पीछे से तेज़ी से एक ट्रक आया और कई व्यक्तियों को रौंदता हुआ आगे बढ़ा चला गया। पीछे लोगों की चीख-पुकार सुनकर मैंने पलटकर देखा तो मैं दंग रह गया। वह ट्रक मेरे। दस कदम की दूरी पर था। मैं तो पहले से ही पायदान पर चल रहा था।। अब मैं कहाँ जाता। मुझे कुछ नहीं सूझा कि मैं क्या करूँ। तभी अचानक जब मुझे वह ट्रक बिल्कुल नज़दीक आता दिखा, तो मैं सड़क पर लट गया। वो ट्रक मेरे ऊपर से होकर निकल गया और रेलिंग तोड़ता हुआ यमुना नदी में गिर गया। चूँकि मैं ट्रक के बीचोंबीच लेट गया था, इसलिए मैं बच गया। मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो ज्ञात हुआ कि उस अनियंत्रित वह लोगों की जान ले ली थी। और दस-बारह लोग घायल हो गए थे। यह देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। तभी मैंने तुरंत हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद’ कहा, जिसने मेरी जान बचाई वर्ना मेरी भी ‘राम राम सत्य’ हो जाती। मैंने पुल से नीचे देखा, तो मालूम हुआ कि टक दाईवर भी मर गया था। यह मेरे जीवन का सबसे भयंकर और डरावना सड़क हादसा था जिसका मैं स्वयं चश्मदीद गवाह था।