टेलीविज़न
Television
निबंध नंबर:- 01
दूरदर्शन मनोरंजन का सर्वोत्तम साधन है। दूरदर्शन पर हम केवल कलाकार की ध्वनि ही नहीं सुन सकते, अपितु उसके हाव-भाव और कार्यकलापों को स्पष्ट देख पाते हैं। आज टेलीविज़न बहुत सस्ते हो गए हैं, जिससे सामान्य व्यक्ति भी उसे आसानी से खरीद सकता है।
टेलीविजन का आविष्कार अधिक पुराना नहीं है। 25 जनवरी, 1975 में इंग्लैण्ड के इंजीनियर जे. एल. बेयर्ड ने इसका आविष्कार किया था। भारत में दूरदर्शन का प्रथम केन्द्र 15 सितंबर, 1959 को नई दिल्ली में चालू हुआ था। आज तो सारे देश में दूरदर्शन का प्रसार हो रहा है।
दूरदर्शन पर प्रतिदिन अनेक कार्यक्रम और धारावाहिक प्रस्तुत किए जाते हैं। चित्रहार एक लोकप्रिय कार्यक्रम है, जिस में हम मधुर गीतों का आनंद लेते हैं। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन पर फिल्में भी प्रसारित की जाती हैं। रामायण, महाभारत और बुनियाद जैसे कार्यक्रमों ने दूरदर्शन को बुलंदी पर पहुंचा दिया है।
दूरदर्शन मनोरंजन के अलावा ज्ञान में वृद्धि करने वाला भी है। यह हमें प्राकृतिक, भौगोलिक और देश-विदेश का ज्ञान कराता है। इस प्रकार शिक्षा के की दरदर्शन सहायक सिद्ध हो रहा है। जिससे प्रतिदिन लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
जब कोई महत्त्वपूर्ण मैच चल रहा होता है तो उसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाता है। हम लोग अपने कमरे में बैठकर उन खेलों परा आनंद लेते हैं। दूरदर्शन उत्पादित वस्तुओं के प्रचार और प्रसार का भी प्रमुख माध्यम है। टेलीविज़न पर जीवनोपयोगी वस्तुओं के विज्ञापन देखकर लोग बहुत बड़ी संख्या में उनकी ओर आकृष्ट होते हैं।
दूरदर्शन से जहाँ अनेक लाभ हैं, वहीं उसकी कुछ कमियाँ भी हैं। सभी लोग, विशेषकर बच्चे टीवी के आदी हो चुके हैं और अपना बहुमूल्य समय इसे देखने में व्यतीत कर देते हैं। इससे उनकी पढ़ाई के साथ-साथ आँखों पर भी बुरा असर पड़ता है। दूरदर्शन की सबसे बड़ी हानि यह है कि व्यक्ति सामाजिक दृष्टि से एकाकी होता जा रहा है। अतः दूरदर्शन की इन बुराइयों से हमें खुद को बचाना होगा।
वैसे दूरदर्शन का प्रयोग यदि दूरदर्शिता से करें तो ये कमियाँ दूर हो सकती हैं और दूरदर्शन का पूरा लाभ उठाया जा सकता है। इस प्रकार दूरदर्शन हमारे लिए मनोरंजन का एक महत्त्वपूर्ण साधन है और आज यह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
निबंध नंबर:- 02
टेलीविजन के लाभ
Television ke Labh
विज्ञान के सबसे लोकप्रिय आविष्कारों में टी.वी. का स्थान सबसे ऊपर होना चाहिये। पिछले कुछ वर्षों में इसकी लोकप्रियता में निरन्तर वृद्धि हो रही है। टी.वी. मनोरंजन का एक बहुत अच्छा स्रोत है। परिवार के सभी सदस्यों की रुचि के कार्यक्रम इसमें देखे जा सकते हैं।
आज टी.वी. आम जनता के मनोरंजन का एक मात्र सबसे बड़ा स्रोत है। कुछ वर्षों पहले केवल एक या दो चैनल ही टी.वी. पर उपलब्ध थे। पर आज 80 से अधिक चैनल देखे जासकते हैं जो प्रतिदिन अनेक कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं।
1982 में दिल्ली में आयोजित हुये एशियाई खेलों के प्रसारण के साथ अटी.वी. की शुरुआत हुयी। जिससे टी.वी देखना और अच्छा लगने लगा. इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिये विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों का भी रा-समय पर प्रसारण होता है। इसके द्वारा सीखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
जहाँ टी.वी. के बहुत-से लाभ हैं वहीं इसमें बहुत-सी बुराइयाँ भी हैं। कई बार बच्चे टी.वी. कार्यक्रमों के कारण अपनी पढ़ाई की अनदेखी करते हैं जिससे उनको परीक्षा में नुकसान उठाना पड़ता है। हमें सीमित समय में संयम पूर्वक टी.वी. देखना चाहिये ताकि यह एक बुरी आदत न बन जाये।