Hindi Essay, Paragraph on “Sipahi ki Aatmakatha”, “सिपाही की आत्मकथा”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

सिपाही की आत्मकथा

Sipahi ki Aatmakatha 

हर स्त्री-पुरुष जो थल सेना, वायु सेना और जल सेना में सेवारत हैं उसे सिपाही कहते हैं। रक्षा विभाग से सम्बन्ध बनाने के बाद सिपाही जरूरत पड़ने पर अपने देश की रक्षा के लिये मर-मिटने के लिये प्रतिबद्ध हो जाता

सिपाही बहुत ही सख्त और अनुशासित जिन्दगी जीते हैं। प्रशिक्षण आरम्भ होने के साथ ही उनका कठिनाइयों से जूझने का प्रशिक्षण प्रारम्भ हो जाता है जो जीवन पर्यन्त चलता है। उसे आने वाले हर खतरे के लिये हर समय तैयार रहना होता है। उसे हथियार चला और आपात स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण लेना पड़ता है।

सिपाही को देश के किसी भी कोने में कभी भी जाने का आदेश दिन सकता है। बहुत से सिपाही सियाचिन ग्लेशियर जैसी खतरनाक जगहों पहरा देते हैं। इस तरह के स्थानों पर सिपाही अपने परिवार बच्चों को नहीं ले जा पाते। इतने दूर स्थलों पर अपने प्रियजनों से दूर रहना भी कितना कठिन है।

आजकल सिपाही न केवल बाहरी दुश्मनों से लड़ते हैं बल्कि आन्तरिक दुश्मनों का भी सामना करते हैं। उन्हें देश के कई भागों में निरन्तर आतंकवादियों का मुकाबला करना पड़ता है।

देश में सिपाहियों को सदैव सर्वाधिक सम्मान दिया जाता है। सिपाही साहस और देशभक्ति का साकार रूप होते हैं। वह सभी युवक, युवतियों का आदर्श होता है।

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