Hindi Essay, Paragraph on “Sacha Mitra ”, “सच्चा मित्र”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

सच्चा मित्र

Sacha Mitra 

Essay # 1

कहा जाता है-विपत्ति रूपी कसौटी पर कसा जाने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है। संस्कृत में कहावत है-“राजदरबारेश्च श्मशाने यो तिष्ठति स बांधव” अर्थात् राजदरबार और श्मशान घाट में साथ रहने वाला ही सच्चा मित्र कहा जाता है। यहाँ ‘राजदरबार’ सुख का और ‘श्मशान’ दुख का प्रतीक है। अतः सुख-दुख में साथ रहने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है। सच्चा मित्र अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर अपने मित्र को बुराई की राह पर चलने से बचाता है। वह गिरते हुए मित्र का हाथ थामकर उसे गिरने से बचाता है। वह अपने मित्र को न तो कभी भटकने देता है। और न ही सही रास्ता भूलने देता है। सदैव उसे सही रास्ते पर चलान की कोशिश करता है, और संकट के समय कभी उसका साथ नहीं  छोड़ता। सच्चा मित्र अपना विवेक सदैव जगाए रखकर मित्र का विवेक जगाए रखता है। यों तो भटकाने और मौज मस्ती में साथ देने वाले जीवन में कदम-कदम पर मिल जाते हैं, परंतु सच्चे मित्र बहत कम लते हैं। ईश्वर से हमें यही प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें स्वार्थी मित्रों से बचाए और सच्चे मित्रों से मिलाए।

 

सच्चा मित्र

Sacha Mitra

Essay # 2

विचार-बिन्दु- • किसी उक्ति का उल्लेख • सच्चा मित्र-दुख-सुख का साथी • मित्र हमारे लिए प्रेरक और मार्गदर्शक • मित्र-एक शक्तिवर्धक औषध।

गोस्वामी तुलसीदास ने सच्चे मित्र के बारे में कहा है-

जे न मित्र दुख होहिं दुखारी। तिन्हहिं बिलोकत पातक भारी।

निज दुख गिरिसम रज करि जाना। मित्रक दुख-रज मेरू समाना।

सच्चा मित्र वही है जो मित्र के दुख में काम आता है। वह मित्र के कण जैसे दुख को भी मेरू के समान भारी मानकर उसकी सहायता करता है। मित्र सुख-दुख का साथी है। वह केवल दुख में ही नहीं, सुख में भी साथ देता है। मित्र के होने भर से हमारे सुख के क्षण रंगीन हो उठते हैं। कोई भी खुशी, पार्टी या महफिल मित्रों के बिना नहीं जमती। सच्चा मित्र हमारे लिए प्रेरक, सहायक और मार्गदर्शक का काम करता है। जब भी हम निराश होते हैं, मित्र हमारी हिम्मत बढ़ाता है। जब हम परास्त होते हैं, वह उत्साह देता है। जब हम शिथिल होते हैं, वह प्रेरणा देता है। जब हम रास्ता भूलते हैं, वह मार्गदर्शन करता है। सच्चा मित्र हमारे लिए शक्तिवर्धक औषधि बनकर सामने आता है। सच्चा मित्र हमें पथभ्रष्ट होने से भी बचाता है और सन्मार्ग पर भी अग्रसर करता है। सच्ची मित्रता सचमुच वरदान है।

Leave a Reply