Hindi Essay, Paragraph on “Nuclear Bomb”, “परमाणु बम”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

परमाणु बम

Nuclear Bomb

आज परमाणु बम से हर कोई परिचित है। इसका सबसे पहले अमेरिका ने प्रयोग किया था। जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था तब अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 को जापान के एक शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम फेंका था, उसके बाद 9 अगस्त, 1945 को जापान के ही नागासाकी पर भी फेंका था जिससे हज़ारों लोगों की मृत्यु हुई थी। उस परमाणु बम का प्रभाव वहाँ आज भी है।

परमाणु बम की इस विनाशलीला के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने इससे बचने के लिए ‘परमाणु अप्रसार संधि’ बनाई। परंतु एक या दो देशों को छोड़कर उस पर किसी देश ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। पूरे विश्व में 9 ऐसे देश हैं जिनके पास परमाणु बम हैं। इनमें विश्व की पाँच महाशक्तियों के पास सर्वाधिक परमाणु बम हैं। ये पाँच महाशक्तियाँ हैं-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन। आज छठवीं महाशक्ति भारत है। बस, उसे संयुक्त राष्ट्र संघ की अनुमति मिलना शेष है।

सर्वप्रथम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने ब्रिटेन एवं कनाडा के सहयोग से परमाणु बम बनाया था और फिर उसे जापान पर छोड़ा भी था। तत्पश्चात् इन देशों ने हाडड्रोजन बम भी बनाए। ये बम इतने खतरनाक हैं कि कुछ ही घण्टों में ये पूरी दुनिया को नष्ट और तबाह कर सकते हैं। ये मनुष्य जाति के लिए वरदान नहीं, अभिशाप हैं।

पाँच महाशक्तियों के अलावा चार देश और हैं, जिनके पास पगा बम हैं। ये हैं भारत, पाकिस्तान, उत्तरी कोरिया और इजराइला विनाशकारी हथियार को बनाने की होड़ (स्पर्धा) देखकर संयक्त संघ ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया है। आजकल हर छोटे से छोटार परमाणु बम बनाने का इच्छुक है। हालांकि प्रत्येक देश यह हथियार आ देश की सुरक्षा की दृष्टि से बनाने के लिए प्रयत्नशील है, परंत दाम विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ एवं अमेरिका इस बनाने पर अन्य देशों पर प्रतिबंध लगा रहा है, क्योंकि वह इस बम की विनाशलीला देख चुका है।

आज अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और चीन के पास हज़ारों परमाणु बम हैं। रूस ने सन् 1949 में परमाणु बम का प्रथम परीक्षण किया, तो फ्रांस ने 1960 में किया था और चीन ने 1964 ई० में प्रथम परमाणु परीक्षण किया। फिर भारत ने भी चीन से अपनी सुरक्षा की दृष्टि से 1974 में परमाणु परीक्षण किया ताकि हमें कोई देश निर्बल समझने की भूल न करे। चीन और अमेरिका के अनेकों परमाणु परीक्षणों के पश्चात् भारत ने 1998 में पुनः परमाणु परीक्षण किया।

भारत से स्पर्धा करते हुए पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किए। फिर नॉर्थ कोरिया ने भी 9 अक्तूबर, 2006 में परमाणु परीक्षण कर डाला। आज सीरिया, ईराक, अफगानिस्तान आदि सभी छोटे-छोटे देश परमाणु शक्ति को हासिल करना चाहते हैं। इसका कारण है आज हर देश का अपने पड़ोसी देश से खतरा है। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक और चिंताजनक है।

कल्पना करें, यदि दुनिया के सभी देशों ने परमाणु बम बना लिए तो विश्व में कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए इस विनाशकारी हाथमा को नष्ट कर देना ही मानव जाति के लिए हितकर होगा।

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