Hindi Essay, Paragraph on “Niraksharta ko Kaise Mitaye”, “निरक्षरता को कैसे मिटाएँ”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

निरक्षरता को कैसे मिटाएँ

Niraksharta ko Kaise Mitaye

 

महान दार्शनिक अरस्तू ने शिक्षा के संबंध में कहा है-“निरक्षर होने से पैदा न होना अच्छा है।” इस कथन से शिक्षा का महत्व स्वतः सिद्ध हो जाता है। शिक्षा मानव को सुसंस्कृत बनाती है। शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य अपने असाध्य जीवन को साध्य बना सकता है।

महात्मा गाँधी ने कहा है-“शिक्षा से अभिप्राय बालक एवं मनुष्य के शरीर, मन और आत्मा में निहित सर्वोत्तम शक्तियों के सर्वांगीण प्रगटीकरण से है।” साहित्यकारों ने विद्याहीन निरक्षर मनुष्य को पशु के समान बताया है।

आज भारत में करोड़ों लोग निरक्षर हैं। अधिकांश निरक्षर लोग गाँवों में हैं। हालाँकि गाँवों में शिक्षा का विकास हो रहा है, परंतु फिर भी निरक्षरों की संख्या गाँवों में सर्वाधिक है। हालाँकि सरकार का उद्देश्य इन लोगों को साक्षर बनाने के साथ-साथ कृषि विकास संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तथा औद्योगिक शिक्षा प्रदान करना भी है।

भारत की अधिकांश जनता अशिक्षित है। किसी भी देश की उन्नति के लिए उस देश के नागरिकों का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है जिससे वे व्यक्तिगत एवं सामाजिक रूप से अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सचेष्ट रहें। पंचवर्षीय योजनाओं में इसे स्थान दिया गया है जिससे कि निरक्षर स्त्री-पुरुष साक्षर होकर अपने दायित्वों को समझें और जीवन का विकास करें।

निरक्षर मानव जीवन में साक्षरता का महत्वपूर्ण स्थान है। आधति यग की जटिलताओं को देखते हुए निरक्षरों को शिक्षित करना अनिवाई है। हमारी सामाजिक समस्याओं-जाति प्रथा, दहेज प्रथा, जनसंग नियंत्रण आदि का निवारण भी तभी संभव है जब हर व्यक्ति साक्षर हो।

शिक्षा के माध्यम से ही निरक्षर स्त्री-पुरुषों का जीवन स्तर ऊँचा उठाया जा सकता है। साक्षरता का उद्देश्य मात्र अक्षर ज्ञान देना नहीं है अपितु मनुष्य के संपूर्ण जीवन को उन्नत बनाना है।

आज देश भर में साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में कई एन.जी.ओ. (गैर-सरकारी संगठन) सक्रिय हैं। परंतु हमारे देश से निरक्षरता पूर्णत: तभी मिटेगी, जब हर व्यक्ति प्रयास करेगा। हालांकि देश की सरकार के साथ-साथ विश्व बैंक भी हमारी मदद कर रही है ताकि देश में कोई भी निरक्षर न रहे। इसके बावजूद हमें भी पूरी ईमानदारी से स्वयं प्रयास करने होंगे तभी प्रत्येक भारतीय साक्षर होगा।

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