मिसाइल
Missile
मिसाइल शब्द लैटिन के ‘मिटियर’ से बना है जिसका अर्थ है-‘भेजना’। इसे रॉकेट से प्रेरित होकर बनाया गया है। मिसाइल कई प्रकार की होती है, जैसे-बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल, एंटी गि और एंटी टैंक मिसाइल। ज़मीन से ज़मीन और हवा से ज़मीन पर दी जाने वाली मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल होती है। ज़मीन से हवा मोदी जाने वाली मिसाइल को एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल कहते हैं। इसके अलावा हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी होती है। सबसे पहले कोडी जाने वाली मिसाइल थी-जर्मनी की वी-1 तथा वी-2।
भारत ने भी कई प्रकार की मिसाइलें बनाई हैं। ये मिसाइलें युद्ध में शत्र देश से लड़ने के काम आती हैं। इन मिसाइलों से परमाणु अस्त्र भी छोड़े जा सकते हैं और शत्रु को पूर्णरूप से शिकस्त दी जा सकती है। भारत की मिसाइलें हैं-अग्नि मिसाइल, अस्त्र मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, नाग मिसाइल, पृथ्वी मिसाइल, सागरिका मिसाइल, सूर्या मिसाइल, शौर्य मिसाइल, त्रिशूल एवं आकाश मिसाइल।
अग्नि मिसाइल तीन प्रकार की हैं-अग्नि-I, अग्नि-II और अग्नि-III I ये तीनों सामरिक मिसाइलें हैं, जो परमाणु हथियार छोड़ने के इरादे से बनाई गई हैं। अग्नि-I मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 800 किलोमीटर है। अग्नि-II की मारकर 2000 से 2500 कि. मी. है और अग्नि-III की मारक क्षमता 3500 मी. है।
भारत ने मिसाइल बनाने की योजना सन् 1983 में शुरू की थी। योजना के अंतर्गत बनाई जाने वाली ‘पृथ्वी’ पहली मिसाइल थी। पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है। यह बैलिस्टिक मि है। यह परमाणु बम ले जाने में भी सक्षम है। यह 1000 किलो तक परमाणु बम ले जा सकती है और 150 कि.मी. तक मार कर सकती है। इसे 1994 में सेना में शामिल किया गया था। इसी प्रकार पृथ्वी-II की मारक क्षमता 250 कि.मी. है और पृथ्वी-III की मारक क्षमता 350 कि.मी. है।
इसके अलावा अस्त्र मिसाइल की मारक क्षमता 80 कि.मी. है। यह हवा से हवा में मार करती है और 13 सितंबर, 2008 को चांदीपुर (उड़ीसा) में इसका सफल परीक्षण हुआ था।
एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है। यह जल-थल-हवा हर जगह से छोड़ी जा सकती है। इसकी मारक क्षमता 290 कि.मी. है। इसे 21 जून, 2007 में सेना में शामिल किया गया था।
इसी प्रकार एक नाग मिसाइल है। इसे बनाने में 300 करोड़ की लागत आई थी। इसकी मारक क्षमता 4 से 7 कि.मी. है। इसे हर मौसम में चला। सकते हैं। 8 अगस्त, 2008 को पोखरण (राजस्थान) में इसका सफल परीक्षण हुआ था। एक सागरिका मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 750 कि.मी. है। इसकी लंबाई 61 फीट (18.5 मी.) है। इसका वजन 17 है। इसका सफल परीक्षण 26 फरवरी, 2008 को हुआ था। एक सूत्र मिसाइल है। इसमें सूर्या-I की मारक क्षमता 8 से 12 हज़ार कि.मी. और सूर्या-II की मारक क्षमता 20,000 कि.मी. है। इनका निर्माण का अभी जारी है। एक शौर्य मिसाइल है। 12 नवंबर, 2008 को इसका सफल परीक्षण हो चुका है। इसकी मारक क्षमता 600 कि.मी. है। यह भी पर ले जाने में सक्षम है। इसके अतिरिक्त त्रिशूल एवं मिसाइलें भी हैं।
निष्कर्षत: मिसाइलों के संबंध में आज भारत पूर्णरूप से समर्थ है और विश्व की छठी परमाणु शक्ति बनने के पूर्ण योग्य एवं सक्षम है।