Hindi Essay, Paragraph on “Mere Adhyapak ka vo Thappad ”, “मेरे अध्यापक का वो थप्पड़”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरे अध्यापक का वो थप्पड़

Mere Adhyapak ka vo Thappad 

मैं अपने माता-पिता का इकलौता बेटा हूँ इसलिए वे मुझे बहुत प्यार करते हैं। उनके इसी प्यार ने मुझे उदंड और ढीठ बना दिया था। मेरा पढ़ने में बिल्कुल मन नहीं लगता था। बस, मैं हमेशा खेलता रहता था। मैं गणित में बहुत कमज़ोर था इसलिए मेरे पिताजी ने मेरा गणित का ट्यूशन लगा दिया था। परंतु मेरे अध्यापक मुझे जो भी समझाते थे, वह मैं अगले ही दिन भूल जाता था। मेरे गणित अध्यापक श्री जगदीश माहेश्वरी ने पहले 10-12 दिन तो मुझसे कुछ नहीं कहा। बस, मुझे प्यार से समझाते रहे। परंतु जब मेरी समझ में नहीं आया, तो एक दिन पुनः प्रश्न पूछने पर उन्होंने पूरी शक्ति से मेरे गाल पर थप्पड़ मार दिया। यकायक मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरे गाल पर बिजली गिर गई हो। परंतु उस दिन के बाद मैंने पढ़ने में ध्यान देना शुरू कर दिया और लगन एवं गंभीरतापूर्वक पढ़ने लगा। इसके परिणामस्वरूप मैं बोर्ड की परीक्षा में गणित में स्कूल में सबसे अधिक अंक लेकर उत्तीर्ण हुआ। फिर सभी अध्यापकों ने मुझे शाबाशी दी। मेरे अध्यापक का वो थप्पड़ मुझे आज भी याद है और हमेशा याद रहेगा।

Leave a Reply