मेरा शहर दिल्ली
Mera Shahar Delhi
आधुनिक भारत की राजधानी दिल्ली प्राचीनकाल से ही लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही है। दिल्ली भारत का दिल है। यहाँ अनेक दर्शनीय, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल हैं जो अपने दामन में कला, सध्यता, संस्कृति तथा इतिहास समेटे हुए हैं। दिल्ली कितनी ही बार उजड़ी और बसी है। दिल्ली के हर कोने में खण्डहर अपने प्राचीन अस्तित्व एवं वैभव की याद दिलाते हैं। भारत काल में इसे इंद्रप्रस्थ कहा जाता था, जिसका निर्माण युधिष्ठिर करवाया था। आठवीं शताब्दी में राजा अनंगपाल ने इसे अपनी राजधानी बनाया। इसके पश्चात् पृथ्वीराज चौहान, मुहम्मद तुगलक और मुगलों ने सजाया-सँवारा।
दिल्ली के अनेक स्मारक विभिन्न काल तथा राजाओं के स्मृति चिह्न हैं। पुराना किला पाण्डवों के शासन की याद दिलाता है, तो लालकोट का दुर्ग पृथ्वीराज के समय का स्मारक है। तुगलकाबाद तुगलक वंश तो कुतुबमीनार, फिरोज़शाह कोटला, हुमायूँ का मकबरा, जामा मस्जिद मुस्लिम सभ्यता के प्रतीक हैं। इसके अलावा जंतर-मंतर, बिड़ला मंदिर, लोटस टेंपल, राष्ट्रीय भवन, संसद भवन, चिड़ियाघर, नेहरू म्यूज़ियम आदि अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
दिल्ली का लालकिला एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। इसके अंदर नौबतखाना, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम देखने योग्य हैं। और जामा मस्जिद विश्व की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसी प्रकार कुतुबमीनार अपनी ऊँचाई एवं भवन निर्माण कला से पर्यटकों का दिल मोह लेती है। दिल्ली में अत्यंत प्राचीन लौह स्तंभ है जिस पर कभी जंग नहीं लगती।
जंतर-मंतर ज्योतिष शास्त्र पर निर्मित एक अद्भुत इमारत है। इसे राजा सवाई मानसिंह ने बनवाया था। इससे दिन में समय की जानकारी प्राप्त होती है, तो रात में नक्षत्रों की गणना की जाती है।
पुराना किला के समीप बने चिड़ियाघर को देखने हज़ारों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं। इसमें देश-विदेश से लाए गए पशु-पक्षियों को दे का सुअवसर मिलता है। इसी प्रकार लोटस टेंपल आधुनिक भवन निर्माण कला का अद्भुत नमूना है। अंग्रेजों द्वारा निमित कनॉट प्लेस, इंडिया गोलाकार संसद भवन, राष्ट्रपति भवन आदि भी विशेष आकर्षण के केस है।
इस प्रकार मेरे दिल्ली शहर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो ज्ञान का स्रोत होने के साथ ही संस्कृति और सभ्यता के द्योतक हैं। ये स्थल दिल्ली की सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं और उसके ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाते हैं।