मेरा सपना
Mera Sapna
प्रत्येक मनुष्य स्वप्न देखता है। यदि जीवन में कुछ करना है, तो स्वप्न देखना भी अत्यावश्यक है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भी बच्चों से सदैव यही कहते हैं कि “बड़ा स्वप्न देखो, और बड़ा आदमी बनो।” बचपन से मेरा भी सपना था कि मैं पायलट बनें। आकाश में हवाई जहाज़ उड़ाऊँ। इसके लिए सबसे पहले मैंने अध्यापक को अपने स्वप्न के बारे में बताया, तो उन्होंने मुझे सलाह दी कि सबसे पहले मैं गणित, विज्ञान और भौतिक शास्त्र विषयों से प्रथम श्रेणी में बारहवीं उत्तीर्ण करूँ। तत्पश्चात् मैं प्रतिस्पर्धा में भाग लूँ। उन्होंने कहा कि आजकल पायलटों की देश में बहुत कमी है इसलिए मेरा यह सपना अवश्य पूरा होगा। बस, इसके लिए मुझे अथक परिश्रम करना होगा। दुनिया में कोई भी काम ऐसा नहीं, जिसे मनुष्य न कर सके। उन्होंने बताया कि नेपोलियन बोनापार्ट के शब्कोश में तो ‘असंभव’ शब्द ही नहीं था। कहने का तात्पर्य यह है कि हमें यदि अपने जीवन में अपना सपना पूरा करना है अथवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है तो ‘असंभव’ शब्द का। अपने मस्तिष्क से निकालकर फेंकना होगा। मुझे स्वयं पर दृढ़ विश्वास है कि मैं एक दिन अवश्य पायलट बनूँगा और अपना सपना साकार करूँगा।
As it is true