दूध का महत्व
Importance of Milk
दूध को पूर्ण आहार माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक आहार में इसे अवश्य शामिल करना चाहिये। इसमें बहुत-से पोषक तत्त्व पाये जाते हैं। अतः डॉक्टर हर व्यक्ति को प्रतिदिन एक ग्लास दूध पीने की सलाह देते हैं। दूध पीना प्रत्येक के लिये लाभकारी होता है मगर बढ़ते बच्चों, बूढ़ों एवं गर्भवती महिलाओं के लिये यह विशेष रूप से लाभदायक है।
दध में विटामिन होते हैं जो हमें शक्ति देते हैं। दूध हमें स्वस्थ और मजबूत बनाता है। मुख्यत: गाय और भैंसों से हमें दूध प्राप्त होता है। कुछ स्थानों के लोग बकरी, भेड़ एवं ऊँटनी का दूध भी पीते हैं।
दूध बहुत काम की चीज़ है। दूध तो सभी ठण्डा या गर्म पीते ही हैं इसको कॉफी या चाय में भी डाला जाता है। इससे दही बनता है, पनीर बनता है। इससे मिठाइयाँ और खीर-पकवान बनते हैं, खोया बनता है। मक्खन और घी भी बनते हैं।
दूध का प्रयोग करने से पूर्व इसे उबालने से यह कीटाणु-रहित हो जाता है। बकरी का दूध सब से जल्दी पचता है। गाँधी जी को बकरी दूध बहुत पसन्द था।
नगरों और शहरों में दुकानों पर दूध खुला या थैली बन्द मिलता है। अब डिब्बों और बोतलों में भी मिलता है जिसमें कई बाह्य स्वाद भी मिल होते हैं। दूध अब संघनित एवं पाउडर के रूप में भी उपलब्ध हैं।
आज भारत में अपनी आवश्यकता से अधिक दूध का उत्पादन होता और भारत इसका निर्यात करने की स्थिति में है। एक पोषक खाद्य पदार्थ के रूप में इसके महत्त्व से इन्कार नहीं किया जा सकता।